राफेल सौदे को लेकर एयरफोर्स चीफ का बड़ा बयान, भारत के लिये इसे गेमचेंजर बताया

राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर हमले कर रही है। कांग्रेस लगातार सरकार से विमान की कीमत सार्वजनिक करने की मांग कर रही है।

New Delhi, Oct 04 : राफेल लड़ाकू विमान को लेकर देश में सियासत जारी है, कांग्रेस के साथ-साथ कई विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर है। इन्हीं खबरों के बीच वायु सेना चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि ये सौदा अच्छा पैकेज है, उन्होने राफेल को उपमहाद्वीप के लिये गेमचेंजर कहा है। उन्होने अपनी बात रखते हुए कहा कि राफेल एक अच्छा लड़ाकू विमान है, ये उपमहाद्वीप के लिये काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

अच्छा सौदा
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हमें अच्छा पैकेज मिला है, हमें राफेल डील में कई फायदे मिले, ये बेहतरीन सेंसर और आधुनिक हथियारों से लैस है, वायु सेना प्रमुख के अनुसार राफेल और एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से वायु सेना की शक्ति बढेगी। विमान की कीमतों पर विवाद के बारे में उन्होने कहा कि विचार करने के बाद लागत बातचीत कमेटी ने इसकी कीमत तय की है, ये संभव ही नहीं है कि नई कीमत पहले तय की गई कीमत से ज्यादा हो।

हमने सुझाव और विकल्प दिये
राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 किये जाने के सवाल पर धनोआ ने कहा कि संबंधित विषय पर एयर फोर्स से बात की गई थी। हमने इस मसले पर अपने सुझाव और विकल्प उन्हें दिये थे। आगे क्या करना है, ये फैसला सरकार को लेना था, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लेकर उन्होने कहा कि आपातकालीन स्थिति के लिये दोनों सरकारों के बीत दो स्कॉड्रन खरीदने पर फैसला हुआ था, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लाइसेंस प्रोडक्शन के मामले में एचएएल शामिल था। इसे बाहर रखने का कोई सवाल ही नहीं है।

विपक्ष है हमलावर
आपको बता दें कि राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर हमले कर रही है। कांग्रेस लगातार सरकार से विमान की कीमत सार्वजनिक करने की मांग कर रही है, इसके साथ ही अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगा रही है। जबकि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि फ्रांस सरकार के साथ समझौता की वजह से वो विमान की कीमतों को सार्वजनिक नहीं कर सकती।

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान से विवाद बढा
पिछले दिनों फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि फ्रांस को डसॉल्ट के लिये भारतीय साझेदार चुनने के लिये कोई विकल्प ही नहीं दिया गया था, रिलायंस के नाम का सुझाव भारत सरकार ने दिया था। उनके इस बयान के बाद काफी हाय-तौबा मची थी। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी।