मोदी के बहन के घर पर आयकर विभाग की छापेमारी, घोटाले का आरोप

आयकर विभाग की टीम ने सृजन घोटाले के मामले में कार्रवाई की है। रेखा मोदी के घर पर पटना पुलिस की टीम के साथ-साथ आयकर विभाग की टीम जांच कर रही है।

New Delhi, Sep 06 : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की बहन के फ्लैट पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की है। आपको बता दें कि सबसे पहले आयकर विभाग के अधिकारी रेखा मोदी के पटना स्थित एसपी वर्मा रोड में फ्लैट पर पहुंचे, इसके अलावा उनके दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की तैयारी चल रही है, फिलहाल पटना के सरस्वती अपार्टमेंट में अधिकारी छानबीन कर रहे हैं, कोई भी इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने से बच रहा है।

सृजन घोटाले में कार्रवाई
आपको बता दें कि दावा किया जा रहा है कि आयकर विभाग की टीम ने सृजन घोटाले के मामले में कार्रवाई की है। रेखा मोदी के घर पर पटना पुलिस की टीम के साथ-साथ आयकर विभाग की टीम जांच कर रही है। मालूम हो कि डिप्टी सीएम की बहन पर आरोप है कि उन्होने सृजन एनजीओ संस्था के संचालक के जरिये आभूषणों की खरीद की थी।

फ्लैट पर छापेमारी
गुरुवार दोपहर आयकर विभाग की टीम अचानक रेखा मोदी के फ्लैट पर पहुंची, ये फ्लैट पटना के पॉश इलाके एसपी वर्मा रोड स्थित सरस्वती अपॉर्टमेंट में दूसरी मंजिल पर है। आयकर विभाग की टीम में दो महिला और दो पुरुष के अधिकारी थे, जिसके कुछ देर बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। फिलहाल आयकर विभाग की टीम घर वालों से पूछताछ और छानबीन कर रही है।

मोदी ने कहा कोई लेना-देना नहीं
बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की बहन रेखा मोदी का नाम सामने आया था, जिसके बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार पर जमकर हमले किये थे। इसके साथ ही सुशील कुमार मोदी पर आरोप लगाया था कि वो अपने रिश्तेदारों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि मामला सामने आने के बाद बीजेपी नेता ने कहा था कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य का घोटाले से कोई लेना-देना नही हैं। साथ ही उन्होने ये भी कहा था कि रेखा मोदी से उनका कोई लेना-देना नहीं है, वो उनकी सगी बहन नहीं है।

क्या है सृजन घोटाला ?
मालूम हो कि बिहार के भागलपुर जिले में सृजन नाम से एक एनजीओ चलता था, जो महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से शुरु किया गया था, इसी एनजीओ में 10 करोड़ रुपये के सरकारी चेक बाउंस होने की वजह से घोटाला सामने आया, जब मामले की जांच की गई, तो सभी हैरान रह गये, जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से सरकारी पैसे को एनजीओ के खाते में डाला गया था, इस मामले की अभी भी जांच जारी है।