महागठबंधन ने फीका किया कुशवाहा के खीर का जायका, लालू से मिलकर निकले मांझी ने दिया ‘अल्टीमेटम’

जीतन राम मांझी ने उपेन्द्र कुशवाहा पर दो नाव की सवारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अकसर दो नावों की सवारी करने वाले डूब जाते हैं।

New Delhi, Aug 28 : उपेन्द्र कुशवाहा इन दिनों दोहरी राजनीति कर रहे हैं, एक तरफ वो तेजस्वी यादव के न्योते को बार-बार ठुकरा रहे हैं, तो दूसरी ओर एनडीए में रहकर नीतीश कुमार और एनडीए के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, वो बार-बार ज्यादा सीटों पर दावा ठोंक रहे हैं, लेकिन अब लग रहा है कि उनकी दोहरी सियासत की वजह से कहीं उनकी भद्द ना पिट जाए, क्योंकि बिहार की सियासत का पारा चढता जा रहा है।

महागठबंधन ने कुशवाहा को कोसा
दो दिन पहले बयान देकर सुर्खियों में आने वाले उपेन्द्र कुशवाहा के लिये अब खीर बयान गले की हड्डी बनती जा रही है। कहा जा रहा है कि खीर वाले बयान से नाराज बीजेपी ने पहले कुशवाहा को चेतावनी दे दी है, कि जाना है, तो जाओ, नाटक-नौटंकी नहीं चाहिये, जिसके बाद रालोसपा प्रमुख के तेवर थोड़े ठंडे पड़े, अब महागठबंधन ने भी कुशवाहा को दमभर कोसा है।

जीतन राम मांझी के निशाने पर कुशवाहा
बिहार के पूर्व सीएम और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आज राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की, उनकी सेहत का हालचाल जानने के बाद वो बाहर निकले और पत्रकारों से बात करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होने दो टूक शब्दों में कहा कुशवाहा की खीर में एससी-एसटी शामिल नहीं है, बिना एससी-एसटी के खीर बनना संभव नहीं है।

मांझी ने कहा अभिलाषा छोड़ कर आना होगा
जीतन राम मांझी ने उपेन्द्र कुशवाहा पर दो नाव की सवारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अकसर दो नावों की सवारी करने वाले डूब जाते हैं, वो छायावाद और रहस्यवाद की सियासत कर रहे हैं, अगर वाकई उन्हें महागठबंधन में आना है, तो सीएम पद की अभिलाषा छोड़कर ही आना होगा। जीतन राम मांझी ने कुशवाहा को लेकर ये भी कहा कि महागठबंधन में सीएम पद के उम्मीदवार केवल तेजस्वी यादव हैं।

लालू से मुलाकात के बाद बयान
पूर्व सीएम ने उपेन्द्र कुशवाहा को खरी-खरी सुनाने से पहले लालू प्रसाद यादव से घंटे भर मुलाकात की, कहा जा रहा है कि मांझी की जबान से लालू प्रसाद यादव ने कुशवाहा को नसीहत दी है, कि 2019 के लिये दोनों दरवाजे खोलकर सियासत ना करे, अगर ज्यादा पाने के लिये लालच करेंगे, तो कुछ भी नहीं मिलेगा, इसके साथ ही अगर महागठबंधन में आना है, तो तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकारना होगा ।