बिहार- अब महागठबंधन में शुरु हुई तकरार, जीतन राम मांझी ने इतनी सीटों पर ठोंका दावा

बिहार की राजनीति को करीब से जानने वालों का कहना है कि महागठबंधन में जीतन राम मांझी को तीन से ज्यादा सीटें नहीं मिलेगी।

New Delhi, Sep 17 : लोकसभा चुनाव में करीब आठ महीने का समय शेष है, अभी से बिहार का सियासी पारा चढने लगा है, महागठबंधन के कुछ बयानवीरों से तेजस्वी यादव परेशान हैं, दरअसल कुछ दिन पहले तेज प्रताप यादव ने पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर दी थी, अब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी कर रहे हैं, इतना ही नहीं पूर्व सीएम ने बिहार की 40 में से 2 सीटों पर अपना दावा ठोंका है, शायद ही कोई यकीन करे, कि मांझी को महागठबंधन में इतनी सीटें मिल पाएगी।

आरक्षण राग
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि देश में आरक्षण की समीक्षा की आवश्यकता है, इसके साथ ही उन्होने गरीब सवर्णों को भी 15 फीसदी आरक्षण देने की वकालत की है। रविवार को हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा की मीटिंग में तीन बिंदु पर विस्तृत चर्चा की गई, इस बैठक में आरक्षण की सीमा 49.5 फीसदी से बढाकर 85 फीसदी करने और गरीब सवर्णों को भी आरक्षण देने हेतू प्रस्ताव पारित किया गया।

50 फीसदी सीटों पर दावा
बैठक के बाद हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी कर रही है, इस बैठक में तय किया गया है कि 20 लोकसभा सीटों पर पार्टी अपना दावा ठोकेंगी। हालांकि इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा कि लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा महागठबंधन की बैठक में तय होगा, जहां हम अपने समीकरण पेश करेंगे।

तीन से ज्यादा सीटें मिलना मुश्किल
बिहार की राजनीति को करीब से जानने वालों का कहना है कि महागठबंधन में जीतन राम मांझी को तीन से ज्यादा सीटें नहीं मिलेगी, अगर वो इससे ज्यादा की चाहत रखते हैं, तो संभव है कि आखिरी समय में उन्हें अकेले चुनाव लड़ना पड़े और कुछ भी हासिल ना हो। आपको बता दें कि 2015 विधानसभा चुनाव में मांझी ने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा था, खुद दो सीटों से चुनाव लड़े, तो एक सीट से हार को सामना करना पड़ा, उनके अलावा उनकी पार्टी में दूसरा कोई विधायक, सांसद कुछ नहीं है।

विवादों के सरताज
जीतन राम मांझी को विवादित बयान देने वाला नेता माना जाता है, खुद को एससी-एसटी के नेता कहते हैं, वो कई बार अपर कास्ट को लेकर ऐसे बयान दे चुके हैं, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था, हालांकि पिछले कुछ समय से मांझी हाशिये पर पड़े हैं, इन दिनों उन्होने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का ठेका लिया है, अब देखना है कि महागठबंधन उनकी पार्टी को कितने सीटों के लायक समझती है।