रुस के हमले के बाद भी जो बाइडेन यूक्रेन में सेना क्यों नहीं भेज रहे, 5 प्वाइंट में समझिये

Joe biden

रुसी भले लड़ने को तैयार हों, लेकिन अमेरिका लड़ने को तैयार नहीं है, इतना ही नहीं बाइडेन ने यूक्रेन में फंसे अमेरिकी नागरिकों को बचाने के लिये भी सेना भेजने से इंकार कर दिया है।

New Delhi, Feb 25 : रुस द्वारा यूक्रेन पर हमला किये जाने के बाद अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वो अमेरिकी सैनिकों को लड़ने के लिये यूक्रेन नहीं भेजेगा, जो बाइडेन ने कहा कि रुसी भले लड़ने को तैयार हों, लेकिन अमेरिका लड़ने को तैयार नहीं है, इतना ही नहीं बाइडेन ने यूक्रेन में फंसे अमेरिकी नागरिकों को बचाने के लिये भी सेना भेजने से इंकार कर दिया है, लेकिन यूक्रेन-रुस मसले पर यूक्रेन का साथ देने वाला अमेरिका सैनिक क्यों नहीं भेज रहा, आइये इसे समझने की कोशिश करें।

अमेरिकी सुरक्षा हित में नहीं
सबसे पहली बात यूक्रेन अमेरिका का पड़ोसी नहीं है, यूक्रेन में अमेरिका का कोई सैन्य अड्डा नहीं है, यूक्रेन के पास तेल का भंडार नहीं है, यूक्रेन अमेरिका का प्रमुख ट्रेड पार्टनर नहीं है, russia2 इन सबके साथ ही यूक्रेन नाटो सदस्य भी नहीं है, हालांकि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा हित से अलग जाकर सैन्य हस्तक्षेप करता रहा है, लेकिन अफगानिस्तान से लौटने के बाद अमेरिका तुरंत युद्ध मामलों में पड़ने से बचना चाह रहा है।

बाइडेन सैन्य हस्तक्षेप नहीं चाहते
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सैन्य हस्तक्षेप से बचते रहे हैं, 2003 में अमेरिका द्वारा इराक पर आक्रमण किये जाने के बाद वो अमेरिकी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करने को लेकर सावधान रहे हैं, उन्होने लीबिया और अफगानिस्तान में सैनिकों की बढोतरी का विरोध किया था।

युद्ध नहीं चाहते अमेरिकी
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक सर्वे बताती है कि 72 फीसदी अमेरिकी लोग युद्ध नहीं चाहते हैं, यहां के लोग चाहते हैं कि रुस-यूक्रेन संघर्ष में अमेरिका को कोई भूमिना नहीं या फिर बहुत छोटी भूमिका निभानी चाहिये, ukraine1 अमेरिकी तीसरे देश के कारण रुस जैसे ताकतवर देश के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं।

महाशक्तियों की लड़ाई
बाइडेन ने हाल ही में कहा था कि ऐसा नहीं है कि हम आतंकी संगठन के साथ लड़ने की बात कर रहे हैं, हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक के साथ लड़ने की बात कर रहे हैं, ये बहुत मुश्किल स्थिति है, ये जल्द ही बिगड़ सकती है, विशेषज्ञ मानते हैं कि बाइडेन का इशारा रुस के परमाणु हथियारों के भंडार को लेकर था।

यूक्रेन और अमेरिका के बीच कोई सुरक्षा संधि नहीं
यूक्रेन मामले को लेकर ऐसी कोई सुरक्षा संधि नहीं है, जो अमेरिका को जोखिम उठाने के लिये बाध्य करता हो, अमेरिका नाटो देशों की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार है, लेकिन यूक्रेन के लिये नहीं, Nato क्योंकि यूक्रेन नाटो सदस्य नहीं है, यहां एक बात जरुर है कि पुतिन ने लगातार कहा है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल ना किया जाए, नाटो ने पुतिन की मांगों से इंकार किया है।