प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि कलवरी मेक इन इंडिया का शानदार उदाहरण है, इसका जलावतरण 125 करोड़ देशवासियों के लिये गर्व का विषय है।
New Delhi, Dec 15 : स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी कलवरी भारतीय नौसेना में शामिल हो गयी, पीएम नरेन्द्र मोदी ने मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में इसे देश को समर्पित किया, 17 साल बाद नेवी को नयी पनडुब्बी मिली है, जो डीजल के साथ-साथ बिजली से भी चलेगी। आपको बता दें कि ये पनडुब्बी काफी घातक है, इससे समंदर में देश की ताकत बढेगी, ये दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने में बड़ा रोल निभाएगी।
पीएम मोदी ने किया देश को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पनडुब्बी पर चढे और इसकी पट्टिका का अनावरण किया, इस समारोह में प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि कलवरी मेक इन इंडिया का शानदार उदाहरण है, इसका जलावतरण 125 करोड़ देशवासियों के लिये गर्व का विषय है, इसके साथ ही पीएम ने कहा कि इसका जलावतरण करना मेरे लिये गर्व की बात है, इसके नौसेना में शामिल होने से रक्षा क्षेत्र में मजबूती मिलेगी।
ये लोग भी हुए समारोह में शामिल
खास समारोह में प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नेवी प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, एनएसए अजीत डोभाल के साथ भारत में फ्रांस के राजदूत एलेग्जेंडर जिगलेर समेत कई अन्य लोग मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने फ्रांस को भी धन्यवाद किया, आपको बता दें कि कलवरी का डिजाइन फ्रांसिसी नौसेना रक्षा एवं ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने तैयार किया है।
पांच और पनडुब्बी मिलेगी
आपको बता दें कि 17 साल बाद कलवरी पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हुई है, स्कॉर्पीन श्रेणी की पांच और पनडुब्बियों को नौसेना में शामिल किया जाएगा, इससे पहले नेवी में पहली कलवरी 8 दिसंबर 1967 को शामिल हुई थी, ये भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी भी थी। करीब तीन दशक तक अपनी सेवाएं देने के बाद इसने 31 मई 1996 को अपनी सेवा देनी बंद कर दी थी।
18 पनडुब्बी चाहिये
पाक और चीन दोनों मोर्चों से बढती चुनौती को देखते हुए भारतीय नौसेना को कम के कम 18 इलेक्ट्रिक-डीजल और 6 परमाणु हथियार से संपन्न पनडुब्बी चाहिये। फिलहाल भारतीय नौसेना के पास 13 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है, जो 17 से लेकर 32 साल पुराने हैं, साथ ही आपको ये भी बता दें कि चीन के पास 56 और पाकिस्तान के पास 5 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है।
रक्षा क्षेत्र में सामरिक गठजोड़ मॉडल कर रहे लागू- मोदी
कलवरी को देश को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये निजी क्षेत्र के साथ सामरिक गठजोड़ मॉडल लागू कर रही है। हमारी कोशिश है कि विदेशों की तरह ही भारतीय कंपनियां भी लड़ाकू विमान के साथ-साथ हेलीकॉप्टर टैंक और पनडुब्बी का निर्माण करे।
परिवर्तन समय की मांग- मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमारे सरकार का प्रयास है कि हमारी रक्षा नीति, आर्थिक नीति, टेक्नीकल शक्ति के साथ, अंतरराष्ट्रीय संबंध की शक्ति, लोगों के भरोसे और विश्वास की शक्ति, देश की साफ्ट पावर की शक्ति, इन सभी अवयवों में एक तरह का सामंजस्य हो, तभी देश सुपरपावर बनेगा। ये परिवर्तन आज के दौर की मांग है।
कलवरी की खासियत
67.5 मीटर लंबाई
12.3 मीटर ऊंचाई
70 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार
50 दिन तक समुद्र में रह सकता है।
टाइगर शार्क की तरह ताकतवर
कलवरी पनडुब्बी का नाम हिंद महासागर में पायी जाने वाली खतरनाक टाइगर शार्क पर कलवरी रखा गया है, ये टाइगर शार्क की तरह ही ताकतवर है, भारतीय नौसेना में शामिल होने से इससे नौसेना की ताकत बढेगी। भारतीय सीमा इसकी मौजूदगी से और ज्यादा सुरक्षित होगी।