5 राज्यों में हार के बाद कांग्रेस से उठी आवाज, आर-पार के मूड में सिब्बल, पद छोड़ें सोनिया गांधी

sonia rahul

कपिल सिब्बल ने कहा कि सोनिया गांधी को खुद ही नेतृत्व की भूमिका से हट जाना चाहिये, क्योंकि जो समिति इस बात को कहने के लिये जिम्मेदार है, व उनसे पद छोड़ने के लिये कभी नहीं कहेगी।

New Delhi, Mar 15 : 5 राज्यों में मिली करारी हार, नेतृत्व परिवर्तन की मांग, कांग्रेस से नेताओं का पलायन समेत कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर कांग्रेस के नेताओं का दर्द छलक रहा है, करीब 130 साल पुरानी पार्टी के इतिहास में कांग्रेस का अब से ज्यादा पतन संभवतः कभी नहीं हुआ था, इस पतन से कांग्रेस के कई नेता चिंतित हैं, अब कपिल सिब्बल ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होने पार्टी में सुधार के लिये सोनिया गांधी से पद छोड़ने की अपील की है, उन्होने कहा कि अब गांधी परिवार को कांग्रेस नेतृत्व का भार छोड़ देना चाहिये, किसी दूसरे नेता को इसका दायित्व दे देना चाहिये।

क्या कहा
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी नेतत्व कोयल की धरती (यानी उन्हें लगता है सबकुछ ठीक है, वास्तविकता से उनका वास्ता नहीं होता) में जी रही है, 8 सालों से पार्टी के लगातार पतन के बाद भी वो चेत नहीं रही है, तो ये कांग्रेस के लिये दुर्भाग्य की बात है, 2020 में कांग्रेस में सुधार की मांग के साथ ग्रुप 23 नेताओं की एक टोली बनी थी, अब इस ग्रुप के नेता खुलकर नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं, इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल का दर्द छलका है, हालांकि उनका कोई सुनने वाला नहीं है।

मैं सबकी कांग्रेस चाहता हूं ना कि घर की कांग्रेस
सिब्बल ने कहा कुछ लोग कांग्रेस के अंदर के आदमी हैं, कुछ लोग कांग्रेस के बाहर के आदमी हैं, लेकिन असली कांग्रेस और सबकी कांग्रेस के लिये कांग्रेस के बाहर के आदमी को सुनना चाहिये, उन्होने कहा कि कांग्रेस का जिस तरह से पतन हो रहा है, वो मुझसे देखा नहीं जा रहा है, उन्होने कहा कि मैं अंतिम सांस तक सबकी कांग्रेस के लिये संघर्ष करता रहूंगा, सिब्बल ने कहा सबकी कांग्रेस का मतलब सिर्फ साथ ही नहीं होना है, बल्कि भारत में उन सभी लोगों को एक साथ लाना है, जो बीजेपी को नहीं चाहते हैं, हमें ऐसा दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिसमें परिवर्तन की सभी ताकतें, जो इस देश में सभी संस्थानों के इस निरंकुश कब्जे के खिलाफ है, को एक साथ आने की जरुरत है, उन्होने कहा कि ममता बनर्जी हुई, शरद पवार हुए, ये सब कांग्रेसी थे, लेकिन सभी दूर चले गये हैं, हमें इन सबको साथ लाना है।

177 सांसद, विधायकों ने कांग्रेस छोड़ा है
कपिल सिब्बल ने कहा, वर्तमान चुनाव परिणाम से मुझे कोई हैरानी नहीं, 2014 से हम लगातार हार रहे हैं, हम एक के बाद एक प्रदेश गंवा रहे हैं, जहां हम सफल हुए, वहां भी हम खुद को नहीं रख पाये, कांग्रेस से नेताओं का पलायन आज भी जारी है, दुर्भाग्य की बात ये है कि कांग्रेस से ऐसे लोगों का पलायन हुआ है, जिन्हें नेतृत्व का भरोसा था, सिब्बल ने कहा 2014 से अब तक 177 सांसद और विधायक तथा 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं, किसी भी पार्टी से इतने लोग नहीं गये हैं।

लाखों लोग जो बीजेपी की विचारधारा के विरोधी हैं
उन्होने कहा कि इस देश में ऐसे लाखों लोग हैं, जो किसी भी राजनीतिक दल में नहीं हैं, लेकिन उनकी विचार प्रक्रिया समावेशी, एकजुटता, शांति, सद्भाव, भविष्य में परिवर्तन के लिये कांग्रेस की विचार प्रक्रिया से मेल खाती है, ऐसे लाखों लोग हैं, जिनका मकसद आम लोगों की भलाई, गरीबी को दूर करना, निरक्षरता को दूर करना है, ऐसे लोग अपनी विचार प्रक्रियाओं के माध्यम से कांग्रेसी हैं, इसे ही मैं सबकी कांग्रेस कहता हूं, कुछ लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं, ये कोई भी हो सकते हैं, ए बी सी, कोई भी, लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि इन एबीसी को लगता है कि घर की कांग्रेस के बिना सबकी कांग्रेस नहीं चल सकती, हमारे लिये यही चुनौती है, मैं किसी एबीसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन हमें इस चुनौती को स्वीकार करना होगा।

अंदर के आदमी कभी सोनिया को हटने के लिये नहीं कहेंगे
कपिल सिब्बल ने कहा कि सोनिया गांधी को खुद ही नेतृत्व की भूमिका से हट जाना चाहिये, क्योंकि जो समिति इस बात को कहने के लिये जिम्मेदार है, व उनसे पद छोड़ने के लिये कभी नहीं कहेगी, क्योंकि उस समिति के सभी लोगों का चयन उन्होने खुद किया है, इंटरव्यू में उन्होने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति के फैसले से उन्हें कई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि बड़ी संख्या में कांग्रेस के लोग इससे बाहर हैं, सीडब्लयूसी में कांग्रेस के अंदर के लोग हैं, जो कभी सोनिया गांधी से नेतृत्व को त्यागने के लिये नहीं कहेंगे। हम ये मानकर चल रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हैं, बल्कि सोनिया गांधी अध्यक्ष है, लेकिन राहुल पंजाब जाते हैं और चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम उम्मीदवार घोषित कर देते हैं, वो किस अधिकार के तहत इस तरह का काम करते हैं, वो पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन वो सभी निर्णय लेते हैं, एक तरह से वही वास्तविक कांग्रेस अध्यक्ष हैं, ऐसे में कांग्रेस के भीतर के आदमी क्यों कह रहे हैं, कि उन्हें कमान फिर से दे देनी चाहिये, जबकि वास्तविकता यही है कि वो वास्तविक अध्यक्ष हैं, बेशक वो विधिवत कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।