अयोध्या के बाद अब काशी से सियासी दांव, मोदी के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ से ऐसे होगा बीजेपी को फायदा

काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर का बीजेपी को चुनाव में कितना फायदा मिलने वाला है, आगे पढ़ें जानकारों का इसे लेकर क्‍या कहना है ।

New Delhi, Dec 13: उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों में ही विधानसभा चुनाव होने हैं, अब उससे पहले आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन हो गया है । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर को भी  श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा । राजनीति के जानकारों के मुताबिक अयोध्या और काशी में इन दो बड़े कदमों से बीजेपी को बउ़ा सियासी फायदा मिलने की भी उम्मीद है ।

पूर्वांचल में फायदा
राजनीति के जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का ये वाराणसी दौरा पूर्वांचल के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है । दरअसल ये सभी जानते हैं कि पूर्वांचल की सियासत का एक केंद्र बनारस है । चूंकि पीएम मोदी खुद यहां से सांसद भी हैं, इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है । अब चुनाव से पहले काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से यहां की जनता में इसका बड़ा संदेश जाएगा । खास बात ये भी बीजेपी और खुद प्रधानमंत्री मोदी का इस समय पूरा जोर पूर्वांचल में है । पिछले एक महीने में पीएम कई बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके हैं ।

पूर्वांचल ही क्यों?
दरअसल पूर्वांचल बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, खासतौर पर विपक्ष ने यहां मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं । खासतौर पर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की ओर से गठबंधन और सियासी समीकरणों जैसी स्थिति यूपी के दूसरे इलाकों में नहीं है । बीजेपी और पीएम दोनों इस बात को महसूस कर रहे हैं कि अगर बीजेपी के लिए पूर्वांचल जीतना मुश्किल होता है तो उनके लिए सत्ता में आने की बड़ी चुनौती होगी । विशेषज्ञों के मुताबिक इस समय प्रधानमंत्री हों या योगी या फिर पूरी बीजेपी, फोकस पूर्वांचल पर ही है ।

अपने क्षेत्र का हाल चाल जानेंगे पीएम मोदी  
राजनीतिक लिहाज से प्रधानमंत्री का ये दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अपने संसदीय क्षेत्र में पीएम मोदी 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और 9 उप मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा भी करेंगे । बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी क्रूज पर एक कॉन्क्लेव भी करेंगे, जिसे ‘मुख्यमंत्री परिषद’ नाम दिया गया है । इस कॉन्क्लेव में असम, अरुणाचल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री शामिल होंगे । कॉन्क्लेव में बिहार और नागालैंड के डिप्टी सीएम भी शामिल होंगे ।