इन गलतियों की वजह से हुई केरल में त्रासदी, 7 साल पहले ही मिले थे संकेत

केरल के सीएम पी विजयन का कहना है कि प्रदेश की इतनी खराब स्थिति के लिये पड़ोसी राज्य की सरकारें भी जिम्मेदार है।

New Delhi, Aug 19 : केरल में मॉनसून के दौरान दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा बारिश होना कोई असामान्य बात नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार इस साल केरल में कम दबाव की वजह से सामान्य से 37 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। पर्यावरण वैज्ञानिक इस आपदा के लिये प्रदेश में तेजी से हुई वनों की कटाई और परिस्थितिक रुप से नाजुक पर्वत श्रृंखलाओं की देखभाल में सरकार की विफलता को जिम्मेदारी बता रहे हैं।

पड़ोसी राज्य जिम्मेदार
केरल के सीएम पी विजयन का कहना है कि प्रदेश की इतनी खराब स्थिति के लिये पड़ोसी राज्य की सरकारें भी जिम्मेदार है। हाल ही में पी विजयन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी के बीच बांध से पानी छोड़े जाने के लोकर कहासुनी भी हुई थी। तमिलनाडु ने 20 अगस्त को एक और डैम से पानी छोड़ने का ऐलान किया था। इकोलॉजिस्ट माधव गाडगिल ने कहा कि केरल में भीषण बाढ और भू-स्खलन की त्रासदी मानव निर्मित है।

आपदा की वजह
वेस्टर्न घाटस ईकोलॉजी एक्सपर्ट पैनल के प्रमुख रहे चुके माधव जगाडगिल ने दावा किया, कि नदियों के इलाके में अवैध निर्माण और पत्थरों के अनाधिकृत खनन ने इस समस्या को और विकराल बना दिया है। सरकार द्वारा गठित इस पैनल ने 2011 में सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि पश्चिमी घाट के तहत आने वाले केरल के कई हिस्सों को ईकोलॉजी के लिहाज से संवेदनशील घोषित किया जाना चाहिये। हालांकि राज्य सरकार ने इन सिफारिशों का विरोध किया था।

अप्रत्याशित नहीं है बारिश
माधव गाडगिल ने आगे बोलते हुए कहा कि केरल में इस मौसम में हुई बारिश पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं है, लेकिन इस बार हुई तबाही इससे पहले कभी नहीं देखी गई। आपको बता दें कि पिछले 17 दिनों में 170 फीसदी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, प्रदेश के 36 बड़े डैम के सभी फाटक खोले गये, पिछले 10 दिनों में 194 से लोगों की मौत हो चुकी है। इकोलॉजिस्ट पैनल साल 2011 में नदियों के पास खनन और अवैध निर्माण बंद करने को कहा था। तो पर्यावरण वैज्ञानिक आपदा के लिये प्रदेश में तेजी से हुई पेड़ों की कटाई को बड़ी वजह बता रहे हैं।

राहत और बचाव कार्य
पीएम मोदी ने 500 करोड़ रुपये राहत पैकेज का ऐलान किया है, साथ ही 25 करोड़ रुपये तेलंगाना ने देने की घोषणा की है। आम आदमी पार्टी के सभी विधायक सांसद, मंत्री और सीएम केरल में राहत के लिये अपने एक महीने का वेतन देंगे। 20 करोड़ रुपये महाराष्ट्र ने तो 15 करोड़ यूपी ने देने का ऐलान किया है। बिहार, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश ने 10-10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।