यूपी डिप्टी सीएम ने शिवपाल यादव को दिया खुला ऑफर, अखिलेश यादव को घर में घेरने की कोशिश

शिवपाल यादव जमीनी और जनाधार वाले नेता माने जाते हैं। यूपी की राजनीति को करीब से देखने वालों का मानना है कि सपा के मुख्य वोट बैंक यादव-मुस्लिम में वो सेंधमारी कर सकते हैं।

New Delhi, Oct 05 : यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा से अलग होकर अपनी पार्टी का ऐलान करने वाले शिवपाल यादव को बीजेपी में विलय करने की पेशकश की है। डिप्टी सीएम ने कहा कि शिवपाल यादव चाहें, तो अपने मोर्चे का बीजेपी में विलय कर सकते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन बीजेपी के पास किसी अन्य दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की गुंजाइश नहीं है।

सपा से रुठे नेताओं को इक्ट्ठा कर रहे शिवपाल
आपको बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये से नाराज होकर चाचा शिवपाल यादव ने पार्टी छोड़ दी है। पार्टी छोड़ने से पहले उन्होने कहा था कि पिछले डेढ साल से वो पार्टी में जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उनकी उपेक्षा की गई। उनसे जुड़े कार्यकर्ताओं को भी हाशिये पर डाल दिया गया। जिसके बाद उन्हें अलग पार्टी बनाने के लिये बाध्य होना पड़ा। अब शिवपाल यादव सपा से रुठे, नाराज और हाशिये पर पड़े नेताओं को इक्ट्ठा कर रहे हैं, वो उन्हें अपने मोर्चे के मंच पर ला रहे हैं।

जनाधार वाले नेता माने जाते हैं शिवपाल
मालूम हो कि शिवपाल यादव जमीनी और जनाधार वाले नेता माने जाते हैं। यूपी की राजनीति को करीब से देखने वालों का मानना है कि सपा के मुख्य वोट बैंक यादव-मुस्लिम में वो सेंधमारी कर सकते हैं। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के मूल वोट बैंक वाले क्षेत्र इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद में भी शिवपाल अखिलेश के लिये मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। उनके सपा से अलग होने से फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को होगा।

बीजेपी में जाने की चर्चा
कुछ दिन पहले सपा के पूर्व नेता अमर सिंह ने दावा किया था कि उन्होने शिवपाल यादव के कहने पर बीजेपी हाईकमान से बात की थी, मीटिंग फिक्स हो जाने के बाद वो अपनी बात से पलट गये और बीजेपी में जाने का इरादा त्याग दिया । उसके कुछ दिन बाद ही शिवपाल यादव ने अलग मोर्चे का ऐलान कर दिया। अमर सिंह भी इन दिनों किसी पार्टी में नहीं हैं, कहा जा रहा है कि जल्द ही वो भी शिवपाल यादव की पार्टी में शामिल होंगे।

सवर्ण हैं नाराज
एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सवर्णों में उभरी नाराजगी को लेकर भी केशव प्रसाद मौर्य से सवाल किया गया, तो उन्होने कहा कि सरकार इस कानून का दुरुपयोग नहीं होने देगी। अगर कोई नाराज है, तो हम उन्हें मना लेंगे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोदी सरकार एससी-एसटी एक्ट को लेकर अध्यादेश लेकर आई, जिससे सवर्ण समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।