पढिये, क्या होती है जेड प्लस सिक्योरिटी, कितने कमांडो करते हैं सुरक्षा ?

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खतरों को देखते हुए जेड प्लस, जेड, वाई और एक्स कैटेगरी की सुरक्षा केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स को दिये जाते हैं।

New Delhi, Feb 22 : जब भी बड़े और खास लोगों की सिक्युरिटी की बात होती है, तो जेड प्लस, जेड, वाई और एक्स जैसी सिक्युरिटी के बारे में बात होती है। हालांकि ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है कि आखिरकार ये सिक्युरिटी किस-किस कैटेगरी की होती है, ये कैसे मिलती है। आपको बता दें कि खतरों को देखते हुए जेड प्लस, जेड, वाई और एक्स कैटेगरी की सुरक्षा केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स को दिये जाते हैं। हालांकि कुछ सम्मानित लोग और वरिष्ठ राजनेताओं को भी ये सुविधा दी जाती है।

जेड प्लस सिक्युरिटी
ये सिक्युरिटी वीवीआईपीज को दिया जाता है, जेड प्लस सिक्योरिटी कैटेगरी में 36 कमांडोज तैनात होते हैं, जिसमें से 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो होते हैं। Advaniइसके अलावा 10 स्थानीय पुलिस (जैसे बिहार या यूपी) टीम के लोग होते हैं। बाकी बचे पैरामिलिट्री जैसे आईटीबीपी या सीआरपीएफ के जवान होते हैं।

सुरक्षा लेयर
आपको बता दें कि जेड सिक्योरिटी में पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, फिर दूसरी लेयर में एसपीजी के जवान तैनात रहते हैं, Security2इसके अलावा तीसरे लेयर में पैरामिलिट्री के जवानों को जिम्मेदारी सौपी जाती है। इसके अलावा प्रदेश पुलिस के जवानों को भी तैनात किया जाता है।

एसपीजी कमांडो
जेड प्लस सिक्योरिटी के तहत देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी कमांडो सिक्युरिटी कवर देते हैं, ताकि उन पर आतंकी हमला या फिर दूसरी चीजों से उन्हें बचाया जा सके। Security1एसपीजी कमांडों देश के सबसे ताकतवर कमांडों में गिने जाते हैं।

किसे दी जाती है ये सुरक्षा ?
आपको बता दें कि देश के सम्मानित लोगों और राजनेताओं को जब जान का खतरा होता है, तो उन्हें ये सुरक्षा दी जाती है, ये सुरक्षा मंत्रियों को मिलने वाली सुरक्षा से अलग होती है, Security3इस सिक्योरिटी को हासिल करने के लिये सरकार के पास आवेदन देना होता है, कि उन्हें जान का खतरा है, इसलिये उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी दी जाए।

ये तय करते हैं
आवेदन के बाद सरकार की खुफिया एजेंसीज इस बात का पता करती है कि क्या संबंधित व्यक्ति को सच में जान का खतरा है, या फिर वो ऐसे ही सुरक्षा लेना चाहते हैं, Security11खतरे की बात कंफर्म हो जाने के बाद उन्हें सुरक्षा दे दी जाती है। होम सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल की कमेटी इस बात को तय करती है कि संबंधित व्यक्ति को किस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाए।

कौन देता है सुरक्षा ?
प्रदेश पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज वीवीआईपी और वीआईपी को सुरक्षा कवर दे रही है, जिसमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एनएसजी, एसपीजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ भी शामिल है। SPGहालांकि खास लोगों जैसे कि पीएम या वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएसजी कमांडों को भी सौंपी जाती है।

अब सीआईएसएफ को भी दी जा रही जिम्मेदारी
पिछले कुछ सालों में जिस तरह से जेड प्लस सिक्युरिटी लेने वालों की संख्या बढी है, उसे देखते हुए पैरामिलिट्री फोर्स सीआईएसएफ को भी वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। Security4दरअसल पिछले कुछ सालों में आतंकी घटनाओं की वजह से वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा बढा दी गई है।

देश में सिर्फ 15 लोगों के पास है जेड प्लस सुरक्षा
आपको बता दें कि भारत में फिलहाल 450 लोगों को वीआईपी और वीवीआईपी माना गया है, उन्हें सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराया गया है, yogi-adityanathजिसमें से सिर्फ 15 लोगों को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है, भारतीय खुफिया एजेंसी के अनुसार इन लोगों को जान का खतरा है, इसी वजह से इनकी सुरक्षा बढा दी गई है।