रोज 3 घंटे ट्रेन में सफर, विश्व चैंपियन खिलाड़ी ने तराशा, अब देश को दिलाएगा 5वां विश्वकप

Vikki

अंडर-19 विश्वकप में टीम इंडिया कोरोना से प्रभावित हुई, लेकिन विक्की ओस्तवाल उन गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो फाइनल से पहले तक पांचों मैच खेले।

New Delhi, Feb 05 : भारत और इंग्लैंड के बीच आज अंडर-19 विश्वकप का फाइनल खेला जाएगा, दोनों टीमें बिना हारे फाइनल में पहुंची है, जहां भारत ने 4 बार अंडर-19 विश्वकप जीता है, तो वहीं इंग्लैंड को अपने दूसरे खिताब का इंतजार है, अंग्रेजों ने पहली बार 1998 में अंडर-19 विश्वकप जीता था, फिर 24 साल बीत चुके हैं, लेकिन इंग्लैंड टीम चैंपियन नहीं बन पाई है, ऐसे में मुकाबला कांटे का होने की पूरी उम्मीद है, हालांकि टीम इंडिया भी कुछ कम नहीं है, उसके पास अंग्रेजों के इरादों पर पानी फेरने वाले गेंदबाजों से लेकर बल्लेबाजों की पूरी फौज है, जिसमें बायें हाथ के स्पिनर विक्की ओस्तवाल महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस टूर्नामेंट में वो भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

बड़ा किरदार
अंडर-19 विश्वकप में टीम इंडिया कोरोना से प्रभावित हुई, लेकिन विक्की ओस्तवाल उन गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो फाइनल से पहले तक पांचों मैच खेले, team india5 अपनी गेंदबाजी के दम पर टीम को फाइनल तक पहुंचाया। विक्की को 1983 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे दिलीप वेंगसरकर ने तराशा है, उन्होने पुणे स्थित वेंगसरकर की एकेडमी में ट्रेनिंग ली है, इसके लिये वो रोजाना पिता के साथ 3 घंटे लोकल ट्रेन की यात्रा करते थे, हालांकि मेहनत का फल मिला, आज वो अंडर-19 टीम के सितारा बन चुके हैं।

कद और सोच तेज गेंदबाजों जैसी
पिछले 10 सालों से ओस्तवाल को करीब से देखने वाले कोच मोहन जाधव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, विक्की को रन देने से सख्त नफरत है, भले ही वो स्पिनर हैं, लेकिन उनकी सोच तेज गेंदबाजों जैसी है, वो 6 फीट लंबे हैं, इसी कद के कारण उन्हें अतिरिक्त उछाल मिलता है, बल्लेबाजों को उन्हें खेलने में परेशानी होती है, हालांकि पहले वो रन बचाने के चक्कर में गेंद क फ्लाइट देने से हिचकते थे, लेकिन बीते दो सालों में उनकी गेंदबाजी में काफी विविधता आई है।

सीएसके कैंप से गेंदबाजी में आया सुधार
विक्की के कोच ने समझाया कि कैसे एक गेंदबाज के तौर पर विक्की में सुधार आया है, उन्होने बताया कि 2019 में विक्की चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ बतौर नेट गेंदबाज जुड़े थे, इस दौरान उन्होने शेन वॉटसन को आउट किया, सीएसके के साथ रहने का उन्हें काफी फायदा हुआ, यहां दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर इमरान ताहिर के साथ उन्होने काफी वक्त बिताया, वहां से लौटने के बाद वो बिल्कुल अलग गेंदबाज बन गये, इस बात से घबराये बिना कि बल्लेबाज बड़ा शॉट खेल सकता है, उन्होने गेंद को फ्लाइट देनी शुरु की, जिससे गेंद और टर्न लेने लगी, बल्लेबाजों के लिये उन्हें खेलना मुश्किल हो गया, इस अंडर 19 विश्वकप में भी यही नजर आया है, विक्की ने विश्वकप में 5 मैचों में 10.75 के औसत से 12 विकेट लिये हैं। उनका इकोनॉमी रेट 3.39 का है, तो स्ट्राइक रेट 19 का है, यानी वो इस टूर्नामेंट में हर तीन ओवर में एक विकेट ले रहे हैं।