सांस ही तो मांगी थी, कौन सा राफेल मांगा था, कुमार विश्वास का तंज हो रहा वायरल

kumar vishwas

कुमार विश्वास ने शिक्षा व्यवस्था पर भी चोट की, उन्होने कहा कि अगर राजनेता कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था सुधर गई है, तो उनके बच्चे महंगे स्कूलों में क्यों जाते हैं।

New Delhi, May 16 : भारत में कोरोना मरीजों के लिये ऑक्सीजन की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है, कुछ दिनों पहले तक दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें आ रही थी, अब आंध्र प्रदेश और गोवा समेत कुछ इलाकों से ऑक्सीजन की भारी किल्लत की खबरें सामने आ रही है, जहां ऑक्सीजन ना मिलने से लोग दम तोड़ रहे हैं, गांवों में भी स्थिति विकराल रुप ले रही है, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदतर हो चुकी है, रॉकस्टार कवि कुमार विश्वास ऐसे में गांव के लोगों की मदद कर रहे हैं, ऑक्सीजन ना मिलने से तड़पते लोगों को लेकर उन्होने सरकार को खरी-खोटी भी सुनाई है, उन्होने कहा कि भारत के लोग ऑक्सीजन मांग रहे हैं, इन्होने राफेल नहीं मांगा था।

सरकार पर गुस्सा
एक टीवी शो में बोलते हुए कुमार विश्वास का गुस्सा केन्द्र सरकार पर फूटा, उन्होने कहा ये बेशर्म जो बताते हैं, कि हमने ऐसे व्यवस्था बना दी, हमने ऐसे अस्पताल बना दिये, इनके घर वाले जब बीमार हुए, तो सरकारी अस्पताल में नहीं बल्कि मेदांता में लेटे, मैक्स में लेटे, फॉर्टिस में लेटे, उन्हें लेटते हुए शर्म नहीं आती।

शिक्षा व्यवस्था पर भी चोट
कुमार विश्वास ने शिक्षा व्यवस्था पर भी चोट की, उन्होने कहा कि अगर राजनेता कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था सुधर गई है, तो उनके बच्चे महंगे स्कूलों में क्यों जाते हैं, उन्होने कहा कि कहबते हैं हमने स्कूल बना दिये और उनके बच्चे पढते हैं डीपीएस में, किसको बेवकूफ बना रहे हो, इस देश के लोग उन लोगों को पहचानें।

चीखें सोने नहीं देती
कुमार विश्वास ने आगे बोलते हुए कहा रात को चीखें सोने नहीं देती, रात को फोन आता है कि बस बचा लीजिए, मुझे लगता है कि मेरे हाथ में होता तो पता नहीं क्या कर देता उनको और वो लोग क्या मांग रहे थे तुमसे, सांस मांग रहे थे भाई साहब, ऑक्सीजन मांग रहे थे, तुमसे कौन सा उफन्होने क्रायोजेनिक इंजन मांगा था, तुमसे कौन सा आकाश में उड़ने वाला राफेल मांगा था, और तुमने वहीं नहीं दिया, कैसे बेशर्म लोग हैं। कुमार ने कहा नेता हमारे घरों से ही आते हैं, इसलिये लोगों को सुधारना पड़ेगा, उन्होने कहा मैं हाथ जोड़कर नेताओं से निवेदन करता हूं, कि गांवों को बचा लीजिए, जिन्हें हमने वोट दिया, टैक्स दिया, उन्होने हमारा आत्मविश्वास तोड़ा और ये जो उन्होने छला है, उसका हिसाब ईश्वर लेगा, मतदाता तो मुझे लगता नहीं कि लेगा, मतदाता तो अभी भी हिंदू मुस्लिम में उलझा हुआ है।