बीजेपी ने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस और टीएमसी समेत कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के लिये एनआरसी के ड्राफ्ट का विरोध कर रहे हैं।
New Delhi, Jul 31 : असम में नागरिकता रजिस्टर का अंतिम ड्राफ्ट जारी होने के बाद अवैध प्रवासी और घुसपैठियों का मामला एक बार फिर से सियासी बहस के केंद्र में आ गया है। संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर बहस जारी है। बीजेपी ने कहा है कि जिनके नाम अंतिम ड्राफ्ट में नहीं है, ऐसे लोगों को परेशान होने की जरुरत नही है, उन्हें नागरिकता साबित करने का पर्याप्त मौका दिया जाएगा।
वोट बैंक के लिये विरोध
बीजेपी ने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस और टीएमसी समेत कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के लिये एनआरसी के ड्राफ्ट का विरोध कर रहे हैं। इन्हीं खबरों के बीच आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहे नेता कुमार विश्वास ने इस मुद्दे पर बीजेपी के स्टैंड का समर्थन किया है। उन्होने सवाल पूछा है कि क्या वोट बैंक के लिये अवैध घुसपैठियों के पक्ष में खड़े होने वाले लोग सचमुच इस देश के प्रतिनिधि हैं।
कुमार ने किये सवाल खड़े
डॉ. कुमार विश्वास ने सवाल खड़े करते हुए ट्वीट किया, कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में देश में घुसपैठिये घुसे कैसे ? इसके साथ ही उन्होने ये भी लिखा कि आंतरिक सुरक्षा के गंभीर संकट झेल रहे हमारे देश में केवल वोट बैंक और तुष्टिकरण के लिये अवैध घुसपैठियों के पक्ष में खड़े होने वाले क्या सचमुच देश के प्रतिनिधि हैं ? इन सरकारों को रहते करोड़ों लोग देश में घुस कैसे गये? इसके साथ ही उन्होने लिखा कि भारतीय नागरिकता को स्वाभिमान रहने दीजिए, देश है धर्मशाला नहीं ।
जो अपने हो उन्हें गला लगाओ
इसके साथ ही कुमार ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होने लिखा है कि दूसरे देशों के वीजा भर लेने के लिये लपलपाकर लाइनों में लगने वाले इन लोगों को अपने देश की नागरिकता का जरा भी विशिष्टता बोध नहीं है। हद है, इसमें क्या राजनीति, जो अपने हों, उन्हें गले लगाओ, और जो राज्य और केन्द्र सरकारों की राजनैतिक लिप्साओं और अकर्मण्यताओं की वजह से घुस गये हैं, उन्हें विदा दो।
संसद में गरमा-गरम बहस
आपको बता दें कि इस मामले पर आद संसद में गरमा-गरम बहस हुई, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मामले पर बोलते हुए कहा कि एनआरसी ड्राफ्ट तैयार करने की योजना कांग्रेस के शासन काल में शुरु हुई थी, लेकिन कांग्रेस के अंदर ना तो इसे लागू करने की इच्छा शक्ति थी और ना ही हिम्मत थी। हमारे अंदर हिम्मत थी, इसलिये हमने इसे लागू कर दिखाया। अमित शाह ने कहा कि इस सौदे की आत्मा पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हस्ताक्षर किये थे, लेकिन कांग्रेस इसे लागू नहीं करवा पाई।