कुमार विश्वास ने फिर चलाये ‘शब्दवाण’, अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण स्वयं कर लूंगा

कभी आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और स्टार प्रचारक कहे जाने वाले डॉ. कुमार विश्वास इन दिनों हाशिये पर पड़े हैं।

New Delhi, Sep 05 : आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास की पॉपुलैरिटी कैसी है, शायद बताने की जरुरत नहीं है, इन दिनों कुमार आप में हाशिये पर चल रहे हैं, इसके बावजूद वो अपनी कविताओं और कहन के अंदाज की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। शिक्षक दिवस के मौके पर कविराज ने एक ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस ट्वीट को कुमार के प्रशंसक इसे दिल्ली के सीएम के लिये तंज कह रहे हैं।

कुमार ने क्या लिखा ?
आप नेता ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर ट्विटर पर लिखा कि मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद ! मैं शिक्षक हूं, यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है, तो अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मैं स्वयं कर लूंगा। इसके साथ ही उन्होने ये भी बताया है कि महाकवि प्रसाद के नाटक चंद्रगुप्त में ये विश्व आचार्य चाणक्य का कथन था। कुमार के इस ट्वीट को केजरीवाल पर तंज कहा जा रहा है।

हाशिये पर पड़े हैं कुमार विश्वास
कभी आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और स्टार प्रचारक कहे जाने वाले डॉ. कुमार विश्वास इन दिनों हाशिये पर पड़े हैं, वो टीवी पर तो खूब नजर आते हैं, लेकिन अभी पार्टी की वजह से नहीं बल्कि कविता पाठ, या फिर राजनीति से इतर बात करते हुए दिखते हैं। दरअसल कुमार की भाषा शैली और कहन का अंदाज हिंदी समाचार चैनलों को खूब भाता है, इसी वजह से राजनीति में हाशिये पर होने के बावजूद उन्हें कवरेज देते हैं।

केजरीवाल से मतभेद
आपको बता दें कि कुमार विश्वास और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद थे, जिसकी वजह से कुमार को साइडलाइन कर दिया गया है। पिछले दिनों बीजेपी द्वारा उनके राज्यसभा भेजे जाने की भी खबर आई थी, लेकिन ये महज अफवाह निकली, या हो सकता है कि दोनों के बीच बात ना बनी हो, बीजेपी ने कुमार की जगह आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा को उच्च सदन में भेज दिया ।

राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज
कुमार विश्वास और केजरीवाल में पहले से कई मुद्दों पर मतभेद थे, इस साल आप ने तीन सदस्यों को राज्यसभा भेजा, पहले इसमें कुमार को बड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी संयोजक से मतभेद होने के बाद उनका नाम काट दिया गया। उनकी जगह संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को भेजा गया। राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज कुमार ने खुलकर अपनी नाराजगी शब्दों से जाहिर की। जिसके कुछ दिनों बाद उनसे राजस्थान का प्रभारी पद भी ले लिया गया। अब उन्हें जब भी मौका मिलता है कि तो दिल्ली के सीएम पर कटाक्ष या तंज कसने का मौका जाने नहीं देते।