अरुणवीर सिंह के पिता यशवीर ने मदद महल में 1967 में प्रार्थना स्थल का निर्माण करवाया था, जिसका उद्देश्य ये था कि महल गांव और आस-पास के क्षेत्रों की मिश्रित संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर सके।
New Delhi, Feb 25 : एक तरफ जहां बीजेपी पर विरोधी दल हिंदू-मुस्लिम विभाजन और ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर भगवा दल का एक नेता दोनों समुदाय के लिये एकता की मिसाल पेश कर रहा है, चुनावी राज्य यूपी के बहराइच में बीजेपी के एक नेता का मदद महल सभी धर्मों के लोगों के लिये मेल-मिलाप का स्थान है, हर सुबह अरुणवीर सिंह हरिहरपुर राइकवारी गांव स्थित अपने घर में बने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में पूजा करते हैं।
सामाजिक एकता की मिसाल
ये उनके लिये कोई नया चलन नहीं है, बल्कि पिछले 5 दशकों से उनका घर सामाजिक एकता का मिसाल बना रहा है, जिसे लोग मदद महल कहते हैं, यूपी के मुस्लिम बहुल मटेरा सीट से चुनाव लड़ रहे 59 वर्षीय अरुणवीर सिंह कहते हैं कि वो सालों से सामुदायिक सद्भावना के लिये जो काम कर रहे हैं, उसका फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा।
प्रार्थना स्थल
अरुणवीर सिंह के पिता यशवीर ने मदद महल में 1967 में प्रार्थना स्थल का निर्माण करवाया था, जिसका उद्देश्य ये था कि महल गांव और आस-पास के क्षेत्रों की मिश्रित संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर सके, जहां सभी धर्मों के लोग पूजा कर सके, अरुणवीर के बेटे करणवीर कहते हैं, कि मिश्रित संस्कृति के लिये सम्मान हमारे खून में है, हमारे दादा स्व. यशवीर सिंह ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च के साथ बुद्ध मंदिर का भी निर्माण कराया था, ताकि सभी धर्मों के लोग एक साथ बैठकर पूजा कर सकें।
हमेशा दरवाजे खुले
करणवीर कहते हैं कि महल के दरवाजे सभी जरुरतमंदों के लिये हमेशा खुले रहते हैं, हो सकता है इसलिये महल का नाम मदद पड़ गया, हमारे गांव में मिश्रित आबादी है, जब यहां हवन होता है, तो मुस्लिम समुदाय के लोग भी बैठते हैं, हम भी उनकी प्रार्थनाओं में शामिल होते हैं, अरुणवीर कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि वो पीएम मोदी के विजन सबका साथ-सबका विकास को हकीकत में प्रतिनिधित्व देते हैं।