विधायक की हत्या कर ‘मोस्ट वांटेड’ बना था मुन्ना बजरंगी, पत्नी ने 10 दिन पहले जताई थी आशंका

सुबह 6 बजे जेल के भीतर सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद नाराज सुनील राठी ने उस पर फायरिंग कर दी, फिर सुनील ने हथियार गटर में फेंक दिया।

New Delhi, Jul 09 : यूपी के कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी (51 साल) की सोमवार सुबह बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई, पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में उन्हें बागपत कोर्ट में आज पेश होना था, लेकिन कोर्ट पेशी से पहले ही जेल परिसर में उनकी हत्या हो गई। हत्या का आरोप यूपी के एक और डॉन सुनील राठी पर है। पुलिस का कहना है कि सुनील को भी रविवार के दिन ही रुड़की से बागपत जेल शिफ्ट किया गया था।

सुबह 6 बजे झगड़ा
एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने जानकारी दी, कि सुबह 6 बजे जेल के भीतर सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद नाराज सुनील राठी ने उस पर फायरिंग कर दी, फिर सुनील ने हथियार गटर में फेंक दिया। ये जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक है, बागपत के जेलर, डिप्टी जेलर समेत 4 जेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है, न्यायिक जांच के भी आदेश दिये गये हैं।

पत्नी ने कहा था बजरंगी की जान को खतरा
10 दिन पहले ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने कहा था कि मैं सीएम योगी आदित्यनाथ तक ये बात पहुंचाना चाहती हूं, कि मेरे पति की जान को खतरा है, उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराया जाए, उनके फर्जी एनकाउंटर की साजिश रची जा रही है, यूपी एसटीएफ, पुलिस के अधिकारी और कुछ सफेदपोस मिलकर उनके खिलाफ षडयंत्र रच रहे हैं, कि उनका फर्जी एनकाउंटर कर दिया जाए।

विधायक की हत्या कर मचा दी थी सनसनी
मालूम हो कि मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था, बजरंगी ने साल 1984 में लूट के बाद एक व्यापारी की हत्या की थी, फिर बाद में बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर सनसनी मचा दी थी। मुन्ना बजरंगी की गिनती पूर्वी यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधियों में की जाती थी, सरकार ने उस पर सात लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था।

9 साल पहले गिरफ्तारी
आपको बता दें कि 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस की टीम ने मुन्ना बजरंगी को मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार किया था, उसे अलग-अलग जेलों में रखा गया था, पिछले एक साल से वो झांसी जेल में बंद था, साल 2012 में उसने जौनपुर की मड़ियाहुं सीट से अपना दल के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गये। फिर 2017 विधानसभा चुनाव में पत्नी सीमा सिंह ने अपना दल के टिकट पर इसी विधानसभा से चुनाव लड़ी, वो भी हार गई।

जेल की सुरक्षा में चूक
योगी सरकार से सबसे ज्यादा सवाल ये पूछा जा रहा है कि आखिर जेल के भीतर अपराधी के पास हथियार पहुंचा कैसे, सीमा सिंह लगातार सरकार पर निशाना साध रही है, वो कह रही है कि उनके पति के खिलाफ कुछ लोगों ने षडयंत्र रच कर हत्या की है। सरकार मामले की निष्पक्ष जांच कराये, ताकि चीजें साफ हो सके।