पतंग उड़ाने के लिये यहां किराये पर लोग लेते हैं छत, एक दिन का किराया हैरान करने वाला

Kite

दरअसल वो लोग जो फ्लैट में रहते हैं, या फिर जिनके घरों की छत पर पतंजबाजी के लिये ठीक-ठाक या सेफ जगह नहीं है, वो इस सुविधा का इस्तेमाल करते हैं।

New Delhi, Jan 14 : आज मकर संक्राति का त्योहार देश भर में मनाया जा रहा है, इस पर्व की तमाम पुख्ता पहचानों में से एक है पतंगबाजी, लेकिन अब ये पुरानी पहचान भी कमर्शियल होता जा रहा है खासकर गुजरात में। इस प्रदेश के पुराने अहमदाबाद में पतंग उड़ाने के लिये छत किराये पर मिल रही है। दरअसल वो लोग जो फ्लैट में रहते हैं, या फिर जिनके घरों की छत पर पतंजबाजी के लिये ठीक-ठाक या सेफ जगह नहीं है, वो इस सुविधा का इस्तेमाल करते हैं।

छत चाहिये तो देना होगा रेफरेंस भी
अगर आपको पतंग उड़ाने के लिये छत चाहिये, तो फिर किराये के साथ-साथ लोगों को किसी एक परिचित का रेफरेंस भी देना होता है, Kite2तभी आपको छत किराये पर मिलेगी। छत किराये पर देने के साथ-साथ घर के मालिक 10 कुर्सी और टॉयलेट इस्तेमाल करने की इजाजत भी मिलती है, ताकि पतंगबाजी कर रहे लोगों को सुविधा मिले।

कितना लेते हैं किराया ?
जिन लोगों के पास बड़ी छत है, वो लोग इस त्योहार पर अपनी छतों को दूसरे को किराये पर दे रहे हैं, ताकि लोग वहां से पतंगबाजी कर सके, kite Roof1छत का एक दिन का किराया 12 से 15 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं, इसके साथ ही कुछ मामूली सुविधाएं भी मुहैया करा रहे हैं, ताकि पतंगबाजी करने वाले लोगों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

पुराना अहमदाबाद ज्यादा मशहूर
अहमदाबाद में रहने वाले नीरव मोदी ने बताया कि पुराने अहमदाबाद का कमर्शियल डेवलपमेंट होने की वजह से यहां से लोग निकलकर शहर के दूसरे हिस्सों में जा बसे, Kite Roofलेकिन मकर संक्राति के खास मौके पर वो लोग हर साल यही पर पतंगबाजी करने के लिये आते हैं, जिस वजह से इस इलाके में खूब पतंगबाजी होती है, इसीलिये लोग अपनी छतों को किराये पर देते हैं।

कैसे शुरु हुआ चलन ?
नीरव मोदी ने आगे बताते हुए कहा कि पहले लोग किसी परिचित के छत पर जाकर पतंग उड़ाते थे, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बदलने लगी, kite3लोग अपने परिचित के छत पर जाकर पतंग उड़ाने में संकोच करते हैं, इसलिये अब ये चलन हो गया है कि कुछ लोग मिलकर एक ग्रुप बनाते हैं, फिर वो छत किराये पर लेते हैं, और वहीं से पतंगबाजी करते हैं, पैसा चुकाने के बाद छत पर हक का भाव भी रहता है।

पेंच लड़ाने का लुत्फ
पतंगबाजी के शौकीनों को पेंच लड़ाने का रोमांच ही अलग होता है, जब ये लोग ग्रुप में होते हैं, तो फिर पतंगबाजी के साथ-साथ पेंच भी लड़ाते हैं, Kite4जिसका धागा कमजोर होता है, उसकी पतंग कट जाती है, ये उड़ाने के साथ-साथ देखना भी काफी दिलचस्प होता है।

सलाना करोड़ों का कारोबार
एक अनुमान के मुताबिक देशभर में पतंग का कारोबार 625 करोड़ से 630 करोड़ रुपये तक का हो सकता है, ये पिछले साल से करीब 2.5 फीसदी ज्यादा है, kite5आपको बता दें कि इस पूरे कारोबार में अकेले अहमदाबाद का ही योगदान 45 से 50 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

इन देशों में भी मनाई जाती है मकर संक्राति
मकर संक्राति सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी मनाई जाती है, til-laddu-makar-sankrantiपड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की सिंधी कम्युनिटी तो हमारी तरह ही संक्रांति मनाती है, वो भी इस दिन तिल के लड्डू खाते हैं, साथ ही पतंगबाजी कर इस त्योहार को मनाते हैं।

नेपाल में भी माघे संक्राति
पड़ोसी देश नेपाल में भी मकर संक्राति मनाई जाती है, लेकिन वहां के लोग इसे माघे संक्राति के नाम से मनाते हैं, Ganga-snanवो इस खास दिन वहां की पवित्र नदी मानी जाने वाली बागमती में स्नान कर सूर्य की पूजा-उपासना करते हैं, बांग्लादेश में 14 जनवरी को शक्रेन नाम से त्योहार मनाया जाता है, साथ ही इन दोनों देशों में भी पतंगबाजी का चलन है।