जब अटल जी ने मां के पैर छुकर ममता बनर्जी को मना लिया था, कहा ‘आपकी बेटी बहुत गुस्से वाली है’

तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी गुस्से से दिल्ली से कोलकाता गई थी, वो एनडीए छोड़ना चाहती थी, लेकिन खुद अटल जी उनसे मिलने के लिये उनके घर पहुंच गये।

New Delhi, Aug 17 : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है, अब उनसे जुड़े किस्से याद किये जा रहे हैं, ऐसा ही एक किस्सा है कोलकाता का, 6 जुलाई 2000 को तत्कालीन पीएम अटल जी हरीश चटर्जी स्ट्रीट की झुग्गी में अपनी सहयोगी ममता बनर्जी को मनाने के लिये पहुंचे थे। कहा जाता है कि टीएमसी सुप्रीमो नाराज होकर दिल्ली से कोलकाता चली गई थी और ये कहा जा रहा था कि ममता बनर्जी एनडीए छोड़ देंगी। जिसके बाद अटल जी ने सुध्रींद कुलकर्णी को विशेष दूत बनाकर भेजा था, लेकिन ममता दीदी ने उनसे बात करने से भी मना कर दिया था।

खुद पहुंचे अटल जी
फिर उसी दिन शान को साढे पांच बजे खुद पीएम अटल जी अपने दामाद रंजन भट्टाचार्य और अन्य परिजनों के साथ तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी को मनाने के लिये पहुंचे थे, हालांकि कहा ये गया कि वो अपनी कैबिनेट की सहयोगी ममता बनर्जी की मां गायत्री देवी से मिलने पहुंचे थे। दक्षिण कोलकाता के कालीघाट इलाके की सकरी सी एक गली में ममता दीदी का घर था, वहां अटल जी ने उनकी मां के पैर छुए और आशीर्वाद लिया।

बेटी बड़ी गुस्से वाली है
पीएम को सामने देख अभिभूत बुजुर्ग गायत्री देवी ने उनका स्वागत गुलाबों के गुलदस्ते से किया था, मुस्कुराते हुए अटल जी ने मां-बेटी के साथ तस्वीर खिंचवाई थी। वो उस कमरे में करीब 20 मिनट तक ठहरे थे। अटल जी ने गायत्री देवी से कहा था कि आपकी बेटी बड़ी गुस्से वाली है, इन्हें बार-बार मनाना पड़ता है। इतना सुनने के बाद ममता बनर्जी की मां ने वाजपेयी की पसंदीदा मिठाई उनकी तरफ आगे कर दी और कमरे में ठहाके गूंजने लगें।

अटल जी ने मना लिया था
कहा जाता है कि तत्कालीन रेल मंत्री गुस्से से दिल्ली से कोलकाता गई थी, वो एनडीए छोड़ना चाहती थी, लेकिन खुद अटल जी उनसे मिलने के लिये उनके घर पहुंच गये। वाजपेयी जी से कुछ लोगों ने पूछा, तो उन्होने कहा कि कोई राजनीतिक बात नहीं हुई, ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की 4 सरकारी कंपनियों के बंद होने को लेकर चिंता जाहिर की थी, जब वो दिल्ली आएंगी, तो उस पर बातचीत होगी। केन्द्र सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी।

शिद्दत से याद करती हैं ममता बनर्जी
इस मुलाकात के बाद सुध्रींद्र कुलकर्णी ने कहा कि ममता की नाराजगी दूर हो चुकी थी, पूरा परिवार अटल जी को छोड़ने के लिय दरवाजे तक आया, ममता ने मिठाई के डिब्बे, धोती-कुर्ता और संगीत के कुछ कैसेट भी उपहार में दिये। ममता बनर्जी और उनकी मां ने अटल जी के सामने हाथ जोड़कर कहा कि फिर आइयेगा, वाजपेयी जी मुस्कुरा उठे। सहयोगियों को मनाने और उन्हें जोड़े रखने की कला को आज भी ममता बनर्जी शिद्दत से याद करती हैं।