कांग्रेस के ‘भारत बंद’ को किया था समर्थन, अब ममता बनर्जी ने दिया राहुल गांधी को झटका

भारत बंद की वजह से कर्मचारी ट्रांसपोर्ट की कमी का बहाना बना सकते हैं, 17 सितंबर को ममता सरकार अलग-अलग विभागों से कर्मचारियों का ब्यौरा लेगी।

New Delhi, Sep 10 : कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के बढते दामों के विरोध में 10 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है, बंगाल की टीएमसी सरकार ने पहले कांग्रेस के इस भारत बंद का समर्थन किया था, लेकिन अब टीएमसी ने भारत बंद के आइडिया का विरोधाभासी बयान दिया है। जिसके बाद तरह-तरह की बातें शुरु हो गई है।

टीएमसी ने क्या कहा ?
टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव पार्था चटर्जी ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, कि पेट्रोल-डीजल के दाम अब तक के अपने उच्च स्तर पर है, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत रोजाना गिर रही है, मौजूद सरकार देश की इकॉनमी को बर्बाद करने के रास्ते पर है। मोदी सरकार ने कई जन विरोधी पॉलिसी बनाई है, हम ङी सरकार की उन नीतियों के खिलाफ हैं। लेकिन हम बंद के खिलाफ हैं, क्योंकि इससे सिर्फ ऊर्जा की बर्बादी होगी । सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को फिर से विकास के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रही है, भारत बंद से उस राह में बाधा उत्पन्न होगी।

सरकार ने किया नोटिफिकेशन जारी
अब पश्चिम बंगाल सरकार ने 10 सितंबर को सभी सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस आना अनिवार्य कर दिया है, प्रदेश की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि यदि कोई कर्मचारी 10 सितंबर को ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है, तो उनकी सैलरी काटी जाएगी, इसके साथ ही उस कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जाएगा। ताकि वो अपने अनुपस्थित रहने का कारण बता सके।

सरकार कर सकती है कार्रवाई
अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों से ममता सरकार नोटिस जारी कर पूछ सकती है, कि अनुपस्थित रहने पर आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना किया जाए। यदि कोई कर्मचारी बीमार हो जाता है, या किसी के परिवार में किसी मौत हो जाती है, या कोई महिला कर्मचारी मेटरनिटी लीव पर है, तो ऐसे कर्मचारियों को नोटिफिकेशन में ढील दी जाएगी।

बहाना बना सकते हैं कर्मचारी
भारत बंद की वजह से कर्मचारी ट्रांसपोर्ट की कमी का बहाना बना सकते हैं, 17 सितंबर को ममता सरकार अलग-अलग विभागों से कर्मचारियों का ब्यौरा लेगी, साथ ही ये देखेगी कि कौन -कौन कर्मचारी सितंबर को अनुपस्थित रहा, उसका कारण क्या रहा, अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा, और कर्मचारियों को नोटिस मिलने के 2 दिन के अंदर उन्हें जबाव देना होगा।