चुनाव के लिये दोस्त की पत्नी मांगी ‘उधार’, जब जागा, तब तक सबकुछ लुट चुका था

पीड़ित और उसकी पत्नी पिछड़े वर्ग से हैं, सीट पिछड़ा वर्ग में आरक्षित होने की वजह से साथी ठेकेदार ने उसे दोस्ती का वास्ता देकर उसकी पत्नी को चुनाव लड़ाने की पेशकश की।

New Delhi, Aug 06 : यूपी में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, दरअसल सियासत का लालच किस हद तक इंसान को कहां ले जा सकता है, ये इससे समझा जा सकता है। शादी-शुदा एक व्यक्ति पर नेता बनने का ऐसा सुरुर चढा कि मुरादाबाद क्षेत्र में जब नगर पंचायत की सीट पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षित की गई, तो उसने अपने दोस्त से उसकी पत्नी को उधार मांग लिया। इत्तेफाक से ये महिला चुनाव जीतकर चेयरमैन बन गई।

पत्नी लौटाने के बजाय कर लिया निकाह
इसके बाद उस शख्स ने दोस्त की पत्नी लौटाने के बजाय उससे 2 अगस्त को निकाह कर लिया, महिला भी पति और अपने बच्चों की परवाह किये बिना इस नेता से निकाह कर उसके साथ रहने को राजी हो गई। अब महिला का परेशान पति कोर्ट की शरण में पहुंचा है, वो कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पत्नी को वापस दिलाये जाने की गुहार लगाई है। अदालत ने कुंडा थाना पुलिस से उसके आवेदन पर रिपोर्ट तलब की है।

प्रार्थना पत्र में क्या लिखा है ?
कुंडा थाना क्षेत्र निवासी एक शख्स ने जसपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि मुरादाबाद निवास एक शख्स के साथ वो साझे में ठेकेदारी करता था, दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी, एक-दूसरे के घर आना-जाना और खाना-पीना था। मुरादाबाद निवासी उस व्यक्ति ने 5 महीने पहले यूपी में हुए निकाय चुनाव में अपनी पत्नी को नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाना चाहता था, लेकिन उसका क्षेत्र पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित हो गया, जबकि वो सामान्य जाति से विलांग करता है। इस वजह से वो अपनी पत्नी को चुनाव नहीं लड़ा पाया।

पत्नी को चुनाव लड़ाने की पेशकश
प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि पीड़ित और उसकी पत्नी पिछड़े वर्ग से हैं, सीट पिछड़ा वर्ग में आरक्षित होने की वजह से साथी ठेकेदार ने उसे दोस्ती का वास्ता देकर उसकी पत्नी को चुनाव लड़ाने की पेशकश की। जिसके बाद तय हुआ, कि सिर्फ चुनाव लड़ाने के लिये वो कागजों में इसके साथ अपनी पत्नी को कोर्ट मैरिज उससे करा दे। चुनाव परिणाम घोषित होते ही उसकी पत्नी पूर्ववत उसके घर आकर बच्चों के साथ रहेगी।

महिला बन गई चेयरमैन
पीड़ित ने दोस्त की बात पर यकीन कर समझौते के तहत साथी ठेकेदार से अपनी पत्नी की कोर्ट मैरिज करा दी, इत्तेफाक से महिला चुनाव जीतकर चेयरमैन बन गई। पीड़ित का आरोप है कि चेयरमैन चुने जाने के बाद उसने अपने मित्र से कई बार पत्नी को वापस भेजने का अनुरोध किया, लेकिन चेयरमैन पद की व्यस्तता का हवाला देते हुए वो हर बार टालमटोल करता रहा ।

भेजने से कर दिया इंकार
फिर बाद में पता चला कि पहली पत्नी और बच्चों के रहते ठेकेदार ने चेयरमैन से निकाह कर लिया, बाद में उस महिला को पहले पति के पास भेजने से साफ इनकार कर दिया। पीड़ित का कहना है कि उसने अभी तक अपनी पत्नी को तलाक नहीं दिया है, ऐसे में शरीयत के लिहाज से किसी और मर्द के साथ उसका निकाह जायज नहीं माना जाएगा। थाने में तहरीर देने पर पुलिस ने उसकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की।

अदालत ने मांगी रिपोर्ट
कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए स्थानीय कुंडा थाना पुलिस से मामले में रिपोर्ट मांगी है। कुंडा थाना इंचार्ज सुधीर कुमार ने बताया किUP Police चुनाव को लेकर पत्नी देने के बदले लेन-देन किये जाने की बात कही जा रही है, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है, जल्दी ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।