2019 चुनाव से पहले भारत को तबाह करने की साजिश !

ये कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं है. खुफिया एजेंसियों को इसके प्रमाण मिले कि देश में षड़यंत्रकारियों का एक गैंग खड़ा हो गया है जो भारत को तबाह कर मोदी को चुनाव में हराने की तैयारी में जुटा है।

New Delhi, Sep 17 : अगले कुछ महीने में रूपया गिर कर 100 रुपये प्रति डालर होने की खबर है. साथ ही, रिकार्ड स्तर पर पहुंचा स्टॉक एक्सचेंज अक्टूबर के महीने के आखिर में लुढ़क कर तबाह हो सकता है. दिसंबर आते आते देश में जातीय दंगों से जनजीवन अस्त व्यस्त होने वाला है. राफेल की तरह भ्रष्टाचार के झूठे आरोप की वजह से पार्लियामेंट ठप्प कर दिया जाएगा. देश विदेश में सरकार की बदनामी किस तरह से करना है इसके लिए लोगों को तैनात कर दिया गया है. इतना ही नहीं, देश के विश्वविद्यालयों में बवाल, बंद और हड़ताल के साथ साथ दंगा-फंसाद की भी रुपरेखा तैयार कर ली गई है. मतलब साफ है कि 2019 लोकसभा चुनाव तक देश में ऐसी ऐसी घटनाएं होगी जिसके बारे में सोचा नहीं जा सकता. समझने वाली बात ये है कि ये सब एक साजिश के तहत हो रहा है. नरेंद्र मोदी को चुनाव में हराने के लिए इस तरह का इंतजाम किए जा रहे हैं.

ये कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं है. खुफिया एजेंसियों को इसके प्रमाण मिले कि देश में षड़यंत्रकारियों का एक गैंग खड़ा हो गया है जो भारत को तबाह कर मोदी को चुनाव में हराने की तैयारी में जुटा है. इस षड़यंत्र को अंजाम देने के लिए विदेश से पैसा आ रहा है. दरअसल, 2019 का चुनाव विपक्ष की कई पार्टियों के लिए करो या मरो का सवाल बन गया है. इन पार्टियों को पता चल चुका है कि अगले पांच साल तक सत्ता की मलाई से दूर रहे तो उनकी पार्टी के अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो जाएगा. महागठबंधन बनाने की दलील भी यही है कि अकेले मोदी को हराया नहीं जा सकता है इसिलए सब इकट्ठे हो जाओ. लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों को जीत का भऱोसा नहीं हैं इसलिए एक नई रणनीति पर काम शुरु हुआ. विपक्ष की रणनीति ये है कि देश में ऐसा कोहराम मचाओं की देश विदेश में ये बात फैल जाए कि मोदी सरकार नहीं चला सके. वो हर क्षेत्र में विफल रहे हैं.

देश को तबाह करने की साजिश के खुलासे से के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय एक्शन में आ गया है. रुपये की गिरती कीमत और दूसरे आर्थिक संकट से निपटने का काम वित्त मंत्रालय का है. लेकिन विपक्ष की साजिश का पता चलते ही प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे कमान संभाल ली है. बहुत जल्द ही इस साजिश को नाकाम करने की रणनीति पर अमल भी किया जाएगा. कई बड़े अधिकारी पकड़े जाएंगे और कई बड़े बड़े खुलासे भी होगें. दरअसल, पता ये चला है कि यूपीए के नजदीकी माने जाने वाले कुछ बड़े अधिकारियों का एक सिक्रेट गैंग रुपये को गिराने में पिछले कुछ महीनों से जुटा है. उन्हें ये टारगेट दिया गया है कि रुपया को इनता गिराओ को ये दिसंबर महीने तक 100 प्रति डॉलर हो जाए. खबर ये है कि ये सिक्रेट गैंग अब तक अपनी साजिश को अंजाम देने में सफल रहा है. दरसअल, मोदी सरकार से एक बड़ी गलती ये हुई कि सरकार बदलने के बावजूद कई बड़े अधिकारी अपने स्थान पर बने रहे. मोदी सरकार ने उन्हें हटाया नहीं. अब यही लोग नासूर बनकर सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं. इसकी वजह ये है कि यूपीए के दौरान “Exchange Traded Currency Futures” की व्यवस्था को मजबूत बना दिया गया था जो अब भी चालू है. इस सिक्रेट गैंग की लुटियन मीडिया से काफी नजदीकियां है. ये सब एक ही थाली के चट्टेबट्टे हैं. इसलिए अखबारों में आर्टिकल के जरिए ये फैलाया जा रहा है कि देश की आर्थिक स्थिति बहुत खऱाब है. रिपोर्ट के मुताबिक रुपया को लेकर अफवाह फैलाने के काम में दिल्ली का एक थिंक टैंक सक्रिय है. मतलब साफ है कि यूपीए के समर्थित दिल्ली के नार्थब्लॉक और मुंबई के मिंट रोड में बैठे अधिकारी.. अपने आकाओं के कहने पर देश को आर्थिक संकट में फंसाने में जुटे हैं. इसका मकसद साफ है कि रुपये को गिराकर और स्टॉक एक्सचेंज में भूचाल लाकर ये साबित करना है कि मोदी सरकार फेल हो गई. ताकि, विपक्ष इसका फायदा उठा सके.

भारत की तबाही पर राजनीतिक रोटी सेंकने में विपक्ष विदेश में भी खेल कर रहा है. कश्मीर पर मानवाधिकार संगठनों के रिपोर्ट बनाए जा रहे हैं. यूएन ह्यूनराइट कमीश्नर ऑफिस द्वारा कश्मीर रिपोर्ट एक उसका उदाहरण है. इस रिपोर्ट पाकिस्तानियों के साथ मिल कर नक्सली गैंग ने निकलवाया था. इस रिपोर्ट के फुटनोट में साफ साफ लिखा था कि सारी जानकारियां नक्सलियों और कश्मीरी अलगाववदियों के मानवाधिकार संगठन द्वारा मुहैया कराई गई थी. कांग्रेस पार्टी की मदद से पनपने वाला लेफ्ट लिबरल गैंग अब यूरोप और अमेरिका के सांसदों के बीच लॉबी कर रहा है. कुछ दिन में ये सांसद भारत के खिलाफ बयान देंगे. बताया जा रहा है कि कुछ सांसदों को पैसे भी दिए गये हैं. इन्हें मीडिया में खूब छापा और दिखाया भी जाएगा. इतना ही नहीं, विदेश के अखबारों में भारत के खिलाफ आर्टिकल लिखवाया जाएगा. मोदी सरकार एक दमनकारी सरकार है, प्रजातंत्रविरोधी सरकार है ये बात दुनिया भर में फैलाई जाएगी.

देश और दुनिया में सरकार की छवि ऐसी बना दी जाएगी कि नरेंद्र मोदी सरकार नहीं चला पा रहे हैं. इसके बाद कोहराम शुरु होगा. जतीय दंगा, बंद, हड़ताल के साथ साथ नक्सलियों के हमले होंगे. झूठे आऱोप लगा कर संसद चलने नहीं दिया जाएगा. सरकार पर हिटलरशाही का आरोप लगाया जाएगा. जो लोग सबसे ज्यादा सरकार के खिलाफ बोलते हैं वो देश को बताएंगे कि कैसे बोलने की आजादी छिन गई है. विपक्ष ने देश को अस्त व्यस्त करने की तैयारी में जुटी है. सवाल ये है कि इसके जवाब में सरकार क्या करेगी? भारत को आर्थिक संकट में डालने की साजिश के बारे में छानबीन जारी है. जिस तरह से पैसा भारत आ रहा है. जिस तरह से एनजीओ और आंदोलन करने वाले संगठनों को पैसा आ रहा है..उस पर निगरानी रखी जा रही है. रही बात नार्थ ब्लॉक और मिंट रोड मुंबई में मौजूद साजिश करने वालों के खिलाफ सफाई अभियान चलाना अत्यंत आवश्यक है.

(वरिष्ठ पत्रकार मनीष कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)