अस्पताल से ही सरकारी काम-काज निपटा रहे मनोहर पार्रिकर, मंत्री ने कहा कोई काम पेंडिंग नहीं

लोक निर्माण मंत्री ने विश्वास जताया कि मनोहर पार्रिकर एक एक कर गोवा सरकार के सामने आने वाले सभी मुद्दों का समाधान करेंगे, वो हर चीज को खुद ही ध्यान रख रहे हैं।

New Delhi, Sep 30 : नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज करा रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर अस्पताल से ही प्रशासनिक कामकाज को देख रहे हैं, आपको बता दें कि सीएम 15 सितंबर से एम्स में भर्ती हैं, गोवा सरकार में पीडब्लयूडी मिनिस्टर सुदीन धवलीकर ने शनिवार को बताया कि सीएम अस्पताल से ही जरुरी आधिकारिक फाइलों को देख रहे हैं।

कोई फाइल पेडिंग नहीं
मंत्री धवलीकर ने बताया कि जो फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी जाती है, वो दो से तीन दिन में उसे निपटाकर वापस भेज देते हैं। कोई भी फाइल पेंडिंग नहीं है, पुर्तगाल सरकार के साथ जलापूर्ति और स्वच्छता के समझौते को लेकर कार्यक्रम से इतर धवलीकर ने कहा कि सीएम मनोहर पार्रिकर के निर्देशों के अनुसार सभी कैबिनेट सदस्य प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा के लिये हर बुधवार को समीक्षा बैठक कर रहे हैं।

मुख्य सचिव कर रहे निगरानी
बुधवार को बैठक की रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर के समक्ष रखा जाता है। मिनिस्टर धवलीकर ने कहा कि सभी मंत्री सीएम के गोवा में ना रहने की वजह से अपने मंत्रालय की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक कार्यो की निगरानी मुख्य सचिव कर रहे हैं, वो सीधे सीएम को रिपोर्ट करते हैं।

अस्वस्थ्य सीएम का बचाव
पीडबल्यूडी मिनिस्टर ने अस्वस्थ्य मनोहर पार्रिकर के सीएम बने रहने का बचाव करते हुए कहा कि जे जयललिता डेढ साल तक अस्वस्थ्य रहने के बावजूद तमिलनाडु की सीएम बनी रही थीं, धवलीकर ने कहा कि हमने एक सीएम चुना है, जो अच्छा काम कर रहे हैं, जहां तक स्वास्थ्य की बात है, वो जल्द स्वस्थ्य होकर लौटेंगे, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मनोहर पार्रिकर के स्वास्थ्य को क्यों मुद्दा बनाया जा रहा है।

दो मंत्रियों का मंत्रिमंडल में प्रवेश
लोक निर्माण मंत्री ने विश्वास जताया कि मनोहर पार्रिकर एक एक कर गोवा सरकार के सामने आने वाले सभी मुद्दों का समाधान करेंगे, वो हर चीज को खुद ही ध्यान रख रहे हैं। ये पहला कदम है (2 मंत्रियों का मंत्रिमंडल में प्रवेश), इसके बाद वो प्रभार बांटेंगे, और दूसरे कार्य भी होंगे। धवलीकर ने कहा कि मंत्रियों को बाहर करना और नये लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करना ये सीएम का विशेषाधिकार है।