राजस्‍थान में बीजेपी को लग सकता है तगड़ा झटका, दिग्‍गज नेता के बेटे थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं । इस बीच आ रही एक खबर बीजेपी के लिए चिंता भरी हो सकती है । दिग्‍गज नेता के बेटे से जुड़ी ये खबर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं ।

New Delhi, Sep 04 : अटल सरकार में रक्षामंत्री रह चुके, बीजेपी के संस्थापक सदस्य जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने की खबरे तेज हो रही हैं । मानवेन्‍द्र मानवेंद्र बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं । खबर आ रही है कि उन्‍होने अपने समर्थकों से इस बारे में चर्चा करनी शुरू कर दी है और वो इस बारे में राय मशविरा ले रहे हैं ।

जिले के दौरे पर हैं मानवेन्‍द्र
खबरों के अनुसार मानवेन्‍द्र इन दिनों बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के दौरे पर हैं । यहां वो अपने समर्थकों से राय मशविरा भी कर रहे हैं ।  बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में जाने को लेकर वो सलाह ले रहे हैं । इस मामले पर पर खुलकर बात कर रहे हैं । माना जा रहा है कि मानवेंद्र के भविष्य की राजनीति का फैसला इस महीने की 22 तारीख को हो जाएगा ।

स्‍वाभिमान रैली
मानवेंद्र सिंह इसी महीने की 22 तारीख को बाड़मेर के पचपदरा में एक महा रैली कर रहे हैं, इस रैली को ‘स्वाभिमान रैली’ का नाम दिया गया है । रैली में उनके हजारों समर्थक और राजपूत समुदाय के लोगों के अच्‍छी संख्‍या में जुटने की उम्मीद है । ये रैली ही उनके भविष्य की राह तय करेगी । इस रेली में मानवेन्‍द्र ने सभी समाज के लोगों का आह्वाहन किया है ।

जो निर्णय होगा वो मानेंगे
जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्‍हें भविष्‍य में कैसी राजनति करनी है इसका फैसला 22 सितंबर को पचपदरा में होने वाली स्वाभिमान रैली में होगा । मेरी इस रैली में वो सभी मौजूद होंगे जिन्‍होने मेरे पिता का आखिरी इलेक्‍शन में साथ दिया था । हमारे सभी साथी यहां मंच पर एकजुटे होंगे । इस रैली में हर समाज के लोगों का आह्वाहन किया गया है । जनता जो फैसला लेगी वो हम मानेंगे ।

कांग्रेस में शामिल होने की खबरें
सूत्रों की मानें तो इस रैली का मकसद ही लोगों तक मानवेन्‍द्र की ये बात पहुंचाना है कि वो कांग्रेस में शामिल होने का फैसला कर चुके हैं । इस रैली में वो ये बात अपने समर्थकों के जरिए करवाना चाहते हैं । रैली में शामिल दूसरे साथियों का मूड समझेंगे और अगर लोग एक सुर में इस बात का समर्थन करते हैं तो वो इस फैसले को सबसे सामने रखकर हामी भरेंगे ।

वसुंधरा-जसवंत के रिश्‍ते बिगड़े
साल 2014 के चुनाव में जसवंत सिंह का टिकट काटकर कर्नल सोनाराम चौधरी को मैदान में उतारा गया । इसके बाद से ही मानवेन्‍द्र के साथ भी वसुंधरा के संबंध बिगड़ गए । पिछले 7-8 सालों में दोनों के बीच दूरी बढ़ती ही चली गई । बीजेपी से टिकट न मिलने पर जसवंत सिंह निर्दलीय चुनाव समर में उतरे थे । मोदी लहर के बावजूद जसवंत सिंह यहां 4 लाख से ज्‍यादा वोट अपने पाले में करने में कामयाब रहे वहीं मानवेन्‍द्र ने पार्टी के प्रत्‍याशी कर्नल सोनाराम के लिए प्रचार करने से मना कर दिया था ।

कोमा में हैं जसवंत सिंह
मालूम हो कि वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय संभाल चुके जसवंत सिंह का कुछ साल पहले ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसकी वजह से वो कोमा में चले गये थे, तब से वो लगातार डॉक्टरों की निगरानी में हैं। अटल जी के निधन पर मानवेंद्र सिंह ने एक ब्‍लॉग लिखकर अपने पिता और उनके संबंधों के बारे में कुछ बातें कहीं । अटल, जसवंत सिंह को अपना हनुमान भी कहा करते थे ।