2019 चुनाव से पहले मायावती का चुनावी दांव, महागठबंधन को झटका देकर इस पार्टी से कर लिया गठबंधन

महागठबंधन की सरगर्मियों के बीच मायावती ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है  । आने वाले छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर माया अजीत जोगी की पार्टी से जाकर मिल गई हैं ।

New Delhi, Sep 21 : आने वाले विधान सभा चुनावों और 2019 लोकसभा चुनावों के लिए जिस  महागठबंधन की चर्चा हवाओं में थी, अब वो अटकलों में तबदील होती जा रही हैं । लोकसभा चुनाव से पहले कुछ राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिससे पहले महागठबंधन में रहकर चुनाव लड़ने की बात कही जा रही थी लेकिन इसका अहम अंग मानी जा रही पार्टी बसपा ने चुनावी दांव खेलकर महागठबंधन पर ही पानी फेर दिया है । ऐसा इसलिए कयोंकि मायावती ने छत्‍तीसगढ़ चुनाव से पहले अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन कर लिया हे ।

छत्‍तीसगढ़ में मायावती का दांव
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए मायवती की बहुजन समाज पार्टी अजित जोगी की जनता कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी । दोनों दलों के बीच हुए समझौते के अनुसार  90 सदस्यीय विधान सभा के लिए अजित जोगी की पार्टी 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी जबकि मायावती की पार्टी 35 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी । अगर ये गठबंधन जीतता है तो अजित जोगी राज्य के मुख्यमंत्री होंगे ।

महागठबंधन के भविष्‍य पर सवाल
एएनआई को बताते हुए मायावती ने ये जाकनारी दी कि उनकी पार्टी बसपा और जनता कांग्रेस के बीच छत्तीसगढ़ में गठबंधन हो गया है । अटकलें तेज थी कि यहां मायावती कांग्रेस के साथ अलायंस बनाएगी । अजित जोगी के साथ बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से महागठबंधन के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं । मायावती को लेकर पिछले कई दिनों से खबरें आ रही हैं कि वो महागठबंधन के समीकरणों से खुश नहीं है, ओर यूपी में भी अपने कार्यकर्ताओं को सभी 70 सीटों के लिए तैयारी करने के निर्देश दे चुकी हैं ।

चुनाव से पहले होना था गठबंधन
बहुतजन समाज पार्टी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस से चुनाव से पहले गठबंधन की शर्त रखी थी।वहीं छत्‍तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता पार्टी के चीफ अजित जोगी ने कहा है कि – पिछले 15 वर्षों से राज्य में बीजेपी की रमन सिंह सरकार है जो सत्ता, पैसे और प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर फिर से सत्ता में वापस आना चाहती है। अब हमारा गठबंधन हो गया है। मायावती जी और हमलोग मिल कर बीजेपी को रोक लेंगे।

2013 के चुनाव के नतीजे
साल के आखिर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं । साल 2013 के विधान सभा चुनावों में भाजपा को 49 और  कांग्रेस को 39 सीटें मिली थीं । बसपा को महज एक सीट पर संतोष करना पड़ा । वहीं, अजित जोगी की पार्टी का एक भी उम्मीदवार वहां से जीत नहीं सका था । मायावती की पार्टी ओर अजीत जोगी की पार्टी का ये गठबंधन राज्‍य के दलित वोट बैंक को साधने का एक तरीका हो सकता है ।

दलित वोट बैंक
कुछ दिनों पहले ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने अजित जोगी से मुलाकात की थी । इस मुलाकात का मकसद बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील करना था । छत्‍तीसगढ़ की 12 फीसदी आबादी दलितों की है, 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखी गई हैं । राज्‍य में 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं ।