क्षेत्रीय दलों के पिछलग्गू बनने के बाद भी राहुल गांधी कुछ नहीं कर पा रहे, अब मायावती ने दिया जोरदार झटका

बीएसपी 10 सितंबर को कांग्रेस द्वारा बुलाये गये भारत बंद में भी शामिल नहीं हुई थी, मायावती ने इस मसले पर कहा कि उनके विरोध का तरीका अलग है।

New Delhi, Sep 12 : बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस पर एक साथ निशाना साधा है, उन्होने पेट्रोल-डीजल के बढती कीमतों पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों पर ही बीजेपी सरकार आगे बढ रही है, इसी वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतें काबू में नहीं आ रही है। बसपा प्रमुख ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सरकार के नियंत्रण से बाहर रखने की शुरुआत तो कांग्रेस के नेतृत्व वाली मनमोहन सरकार में हुई थी, फिर मोदी सरकार ने भी इस गलत नीति को आगे बढाया।

भारत बंद में भी नहीं हुई शामिल
आपको बता दें कि बीएसपी 10 सितंबर को कांग्रेस द्वारा बुलाये गये भारत बंद में भी शामिल नहीं हुई थी, मायावती ने इस मसले पर कहा कि उनके विरोध का तरीका अलग है। भारत बंद के दौरान कुछ प्रदेशों में हिंसा हुई, इस पर उन्होने कहा कि इस तरह की हिंसा का वो समर्थन नहीं करती हैं। एक ओर जहां कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर सपा-बसपा दोनों ने खुद को भारत बंद से अलग रखा। जिसके बाद कहा जाने लगा कि महागठबंधन का मामला अभी सुलझा नहीं है।

मायावती दोनों से बनाये हुए दूरी
बसपा सुप्रीमो कांग्रेस और बीजेपी दोनों से समान दूरी बनाये हुए कहा है, कहा जा रहा है कि वो कांग्रेस को छोड़ एक नये विकल्प की तलाश कर रही है, वो खुद को अगला पीएम उम्मीदवार मान कर चल रही है। बसपा सूत्रों का दावा है कि मायावती को अघोषित पीएम उम्मीदवार के तौर पर यूपी में प्रोजेक्ट किया जाएगा, जिससे दलित वोटबैंक एक मुश्त महागठबंधन को वोट करेगी। इसके साथ ही मायावती लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में भी जुट गई है।

सियासी गुणा -भाग कर रही
यूपी के राजनीतिक एक्सपर्ट्स के कहना है कि इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का भविष्य तय होगा, अगर एमपी, छत्तीसगढ और राजस्थान में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी, तो उन्हें महागठबंधन में जगह मिलेगा, नहीं तो रायबरेली, अमेठी छोड़ पूरे 78 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार उतरेंगे। मायावती कांग्रेस को लेकर तीखा प्रहार कर रही हैं, उनका हमला सियासी गुणा- भाग की ओर इशारा कर रहा है।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लग सकता है झटका
कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के पिछलग्गू बनने को भी तैयार है, इसके बावजूद कांग्रेस की इमारत तैयार होती नहीं दिख रही है, मायावती और अखिलेश यादव ने जिस तरह भारत बंद से पहले कांग्रेस को झटका दिया, संभव है कि लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्हें ऐसा ही झटका मिल सकता है, हालांकि इस बार कहा जा रहा है कि यूपी की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी संभालेगी, लेकिन प्रदेश में संगठन इतना खस्ताहाल हो चुका है, कि तमाम कोशिशों के बावजूद रिजल्ट नहीं मिल पाता है।