मायावती खेलेंगी बड़ा दांव, चुनाव 2019 को लेकर कर दिया महाऐलान, कांग्रेस का प्‍लान चौपट

मध्‍यप्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस से अपनी राहें अलग करने वालीं मायावती ने अब आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी संकेत देने शुरू कर दिए हैं ।

New Delhi, Oct 10 : लोकसभा चुनाव में मोदी के सामने महागठबंधन को खड़ा करने का सपना देख रही कांग्रेस के लिए मायावती बड़ा झटका साबित हो रही हैं । एक के बाद एक मायावती राज्‍यों में कांग्रेस से किनारा कर रही हैं । छत्‍तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश में महागठबंधन की संभावनाओं से अपनी राहें अलग करने वालीं मायावती अब लोकसभा 2019 के समर में भी अकेले कूदने की तैयारी कर रही हैं । मायावती ने हाल ही में अपनी ये मंशा जाहिर की ।

सीटों के लिए भीख नहीं मांगेंगे
बहुजन समाज पार्टी के संस्‍थापक कांशीराम की 105वीं पुण्‍य तिथि पर मायावती ने मीडिया को संबोधित किया । इस दौरान मायावती ने देश के दोनों बड़े दलों पर जमकर निशाना साधा । मायावती ने साफ कहा कि वो सीटों के लिए किसी के सामने भखी नहीं मांगने वालीं । उन्‍होने कार्यकर्ताओं को हर स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा है । मायावती ने इस कार्यक्रम में अपनी बातों से ये जता दिया है कि वो अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगी ।

सम्‍मानजनक सीटें देने के लिए कहा था
मायावती ने कहा कि उन्‍होने तीनों राज्यों के लिए सम्मानजनक सीटों की शर्त रखी थी । इसका मतलब यह नहीं था कि वो सीटों के लिए भीख मांग रहे हैं । मायावती ने यहां कहा कि कांशीराम ने हमेशा सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के नारे के तहत काम किया, बसपा इसी के तहत काम कर रही है । कांशीराम के सपनों को पूरा करने के लिए बीजेपी जैसे सांप्रदायिक दलों से मोर्चा लेना ही होगा।

कांग्रेस को भी बताया खतरा
मायावती ने यहां कांग्रेस और बीजेपी, देश के दोनों बड़े दलों पर हमला बोलो । मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी को लोकतंत्र का सबसे बड़ा खतरा कहा । मायावती ने कहा कि ये दोनों दल देश में बंटवारे की राजनीति करते हैं । बसपा भाजपा और कांग्रेस की हर प्रताड़ना को सह सकती है लेकिन उनके कुप्रयासों के चलते दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और किसानों के आत्मसम्मान से समझौता नहीं होने देगी।

अकेले चुनाव लड़ने को तैयार
इस कार्यक्रम में मायावती ने साफ कहा कि अगर बसपा के हिसाब से गठबंधन नहीं होता और उन्‍हें उनके मन मुताबिक सीटें नहीं मिलतीं तो वो अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगी । मायावती ने कार्यकर्ताओं से अकेले ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है । मायावती छत्‍तीसगढ़ और मध्‍यप्रदेश के साथ राजस्‍थान में भी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है ।

बीजेपी को सत्‍ता से हटाना ही मकसद
इस कार्यक्रम में मायावती ने जोर देकर ये भी कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता बीजेपी सरकार को हटाना था और इसे जातिवादी, सांप्रदायिक, घमंडी, दुर्भावनापूर्ण और संकीर्ण मानसिकता कहा गया । एससी/एसटी अधिनियम के मूल प्रावधानों को बहाल करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कास्ट समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी किसी भी कानून के दुरुपयोग का समर्थन नहीं किया है।