केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर भारत लौट चुके हैं । अकबर विदेश यात्रा पर थे, खुद पर लगे आरोपों पर उन्होने कुछ ये कहा है ।
New Delhi, Oct 14 : ‘मी टू’ कैंपेन के तहत 7-7 महिलाओं के गंभीर आरोपों से घिरे एम जे अकबर विपक्ष के भी निशाने पर आ गए है । खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मामले की सत्यता की जांच किए जाने की बात कही है । कुछ दिनों से अकबर सुर्खियों में बने हुए है, पार्टी के अन्य नेताओं के लिए भी उन्हें लेकर जवाब देना भारी पड़ रहा है । बहरहाल अकबर अब भारत में हैं और मीडिया के सामने अपनी बात भी रख रहे हैं । यौन उत्पीड़न और दुराचार के आरोपों पर उनका पहला बयान आगे पढ़ें ।
अभियान को बताया वायरल बुखार
एम जे अकबर ने बयान जारी कर अपनी बात कही । उन्होने लिखा कि वो खुद के ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ कानूनीकार्रवाई करेंगे । उन्होंने कहा कि बिना सबूतों के आरोप लगाना कुछ खास वर्गों के बीच एक वायरल बुखार बन गया है । जो कुछ भी मामला है, अब मैं लौट आया हूं, मेरे वकील इन आधारहीन आरोपों को कानूनी कार्रवाई के जरिए देखेंगे। अकबर ने सवाल उठाया कि ‘आम चुनाव से ठीक पहले इस तरह का तूफान क्यों उठा? क्या इसके पीछे कोई एजेंडा है? आप ही फैसला करें। इन झूठे, आधारहीन और वाहियात आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और साख को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।’
अकबर ने कहा, मैं कानूनी लड़ाई लड़ूंगा
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा, झूठ के पैर नहीं होते हैं, लेकिन उनमें एक जहर होता है, जिसे एक पागलपन में किसी पर भी मार दिया जाता है। यह बहुत ही चिंताजनक है। मैं उचित कानूनी कार्रवाई करूंगा।’ अकबर ने प्रिया रमनी के आरोपों पर कहा – ‘प्रिया रमनी ने एक साल पहले एक पत्रिका में लेख के जरिए इस अभियान की शुरुआत की थी। हालांकि उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया था, क्योंकि उन्हें पता था कि यह एक झूठी कहानी है। जब हाल ही में उनसे पूछा गया कि उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया, तो उन्होंने ट्वीट के जरिए जवाब दिया- उनका नाम नहीं लिया, क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था।’
रविवार को ही लौटे हैं अकबर
आपको बता दें कि एम जे अकबर रविवार की सुबह ही नाइजारिया के दौरे से भारत वापस लौटे हैं । हालांकि एयरपोर्ट पर उन्होने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया था । उन्होने कहा था कि वो इस बारे में अपना बयान जारी करेंगे । तब तक धैर्य का साथ दें । आपको बता दें कि एम जे अकबर पर प्रिया रमानी और प्रेरणा सिंह बिंद्रा नाम की दो महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। जबकि अन्य महिलाओं ने भी उन पर दुराचार को आरोप लगाया है ।
कांग्रेस मांग रही है इस्तीफा
इन आरोपों पर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टी के कई नेताओं ने अकबर के इस्तीफे की मांग की है । कांग्रेस ने कहा है कि अकबर को यौन उत्पीड़न के आरोपों पर संतोषजनक स्पष्टीकरण देना चाहिए या फिर इस्तीफा देना चाहिए । वहीं पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एस. जयपाल रेड्डी ने कहा कि एमजे अकबर के आचरण की जांच होनी चाहिए। जब उनके साथ काम कर चुकी महिला पत्रकारों ने आरोप लगाया है तो फिर वह मंत्री पद पर कैसे बने रह सकते हैं।
अमित शाह ने दिया था ये बयान
#MeToo पर पहली बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को बयान दिया । उन्होने साफ कहा है कि विदेश राज्य मंत्री पर लगे आरोपों की जांच होनी चाहिए । हालांकि शाह ने ये भी कहा कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये जानना भी जरूरी है । एमजे अकबर पर लग रहे आरोपो पर अमित शाह ने कहा – ‘देखना पड़ेगा ये सच है या झूठ। हमें पद की सत्यता और जिस व्यक्ति ने इसे पोस्ट किया है उसकी भी जांच करनी होगी। आप मेरे नाम का इस्तेमाल करते हुए भी कुछ लिख सकते हैं। हम इस पर जरूर सोचेंगे।’