मेघालय में 2018 से 2018 तक सीएम रहे मुकुल संगमा ने कहा कि टीएमसी में शामिल होने का फैसला लेने की वजह बीजेपी से लड़ाई में कांग्रेस की विफलता है।
New Delhi, Nov 26 : 12 विधायकों के साथ टीएमसी में शामिल होने के बाद पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने इस फैसले के लिये विभाजनकारी शक्तियों से लड़ने में कांग्रेस की प्रभावहीनता को जिम्मेदार बताया, उन्होने कहा कि कांग्रेस की प्रभावहीनता के कारण ही राज्य की राजनीति में कोई खास हैसियत नहीं रखने वाली ममता बनर्जी की पार्टी विपक्ष का अगुवा बन गई है, एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होने कहा कि इस घटनाक्रम से ना सिर्फ टीएमसी प्रमुख तथा बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का कद बढा है, साथ ही प्रभावी राजनीतिक वार्ताकार और एक चुनावी रणनीतिकार के रुप में पीके की छवि को भी मजबूत किया है।
क्या कहा
मेघालय में 2018 से 2018 तक सीएम रहे मुकुल संगमा ने कहा कि टीएमसी में शामिल होने का फैसला लेने की वजह बीजेपी से लड़ाई में कांग्रेस की विफलता है, संगमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेश में बीजेपी तथा उसके सहयोगियों का मुकाबला करने में विफल रही है, बताया जा रहा है कि संगमा बिना सलाह लिये विसेंट एच पाला को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से नाराज थे, उन्होने कहा कि देश में विभाजनकारी ताकतें मजबूत हो रही है, राजग से मुकाबला करने के लिये एक अखिल भारतीय दल खोजने के प्रयास के तहत ये फैसला लिया है।
मतभेद की वजह से छोड़ी कांग्रेस
उन्होने कहा कि ममता दीदी की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल होने का फैसला पूरा विश्लेषण के बाद लिया गया है, कैसे लोगों की बेहतर सेवा की जा सकती है, इस पर भी विचार किया गया है, संगमा ने कहा कि टीएमसी में शामिल होने से पहले वो और उनकी टीम कांग्रेस हाईकमान से मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिये कई बार दिल्ली गये, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, उन्होने साफ किया, कि इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है कि उन्होने पाला के साथ अपने मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ी है।
पीके की भूमिका
टीएमसी में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चार्ल्स पनग्रोप ने मीडिया को बताया कि पीके ने ही असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को टीएमसी में शामिल होने के लिये मनाया, उन्होने कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने बीजेपी को जिस तरह से पटखनी दी, वो दर्शाता है कि प्रशांत किशोर के रणनीतियों ने काम किया, उन्होने कहा कि उन्हें और अन्य विधायकों को टीएमसी में शामिल होने के लिये मजबूर नहीं किया गया था, वहीं मुकुल संगमा से शेष 5 विधायकों के बारे में पूछा गया, तो उन्होने कहा कि उन विधायकों ने अभी फैसला नहीं लिया है।