2019 फतह करने के लिये इन 5 राज्यों की 208 सीटों पर है मोदी-शाह की नजर, ये होगा समीकरण

बीजेपी का दावा है कि इस साल के आखिर में एमपी, छत्तीसगढ में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी जीत दर्ज करेगी।

New Delhi, Sep 01 : पीएम मोदी की अध्यक्षता में बीते मंगलवार को बीजेपी शासित प्रदेशों के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बैठक हुई। इस बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों और संगठनात्मक स्थिति पर चर्चा की गई। इस मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और नितिन गडकरी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। बीजेपी ने कहा कि अगले साल मोदी जी के नेतृत्व में फिर से एक बार केन्द्र में बीजेपी की सरकार बनेगी। कहा जा रहा है कि बीजेपी पांच राज्यों की 208 सीटों पर नजर बनाये हुए है। अगर इन पांच राज्यों में प्रदर्शन अच्छा रहा, कि मोदी को दुबारा कुर्सी पर बैठने से कोई नहीं रोक सकता।

एमपी और छत्तीसगढ
बीजेपी का दावा है कि इस साल के आखिर में एमपी, छत्तीसगढ में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी जीत दर्ज करेगी। मालूम हो कि एमपी में 40 सीटें हैं, जबकि छत्तीसगढ में 11, दोनों को मिलाकर 40 सीटें होती है। 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें, तो एमपी में 29 में 27 सीटें जीती थी, सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने अपनी सीट बचा ली थी। इसी तरह छत्तीसगढ में भी मोदी का तूफान चला था, 11 में से 10 सीटें बीजेपी के खाते में गई थी। कांग्रेस यहां दुर्ग सीट बचाने में सफल रही थी। हालांकि इस बार स्थिति अलग बताई जा रही है, इसी वजह से पीएम मोदी ने दोनों प्रदेशों के सीएम से मेहनत करने को कहा है, ताकि विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी 2014 जैसा प्रदर्शन किया जाए।

राजस्थान में क्लीन स्वीप
साल 2014 लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी ने इतिहास रच दिया था। 25 लोकसभा सीटों में 25 सीटें हासिल कर ली थी। इसी साल राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, वसुंधरा राजे गौरव यात्रा निकालकर सत्ता में वापस आने की पुरजोर कोशिश कर रही है। हालांकि कुछ सर्वे ऐसे आये है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वसुंधरा सरकार सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है, जिसका नतीजा उपचुनाव में भी दिखा। हालांकि बीजेपी का दावा है कि विधानसभा के बाद लोकसभा में फिर से पार्टी वैसा ही प्रदर्शन दोहराएगी।

यूपी और महाराष्ट्र
सियासी दृष्टि से यूपी बेहद महत्वपूर्ण है, यहां लोकसभा की 80 सीटें है, यही वजह है कि पीएम मोदी खुद यूपी से पिछली बार चुनाव लड़े थे। 2014 में यूपी में बीजेपी ने 71 सीटें हासिल की थी। अगर इस बार महागठबंधन हुआ, तो बीजेपी के लिये वैसा प्रदर्शन कर पाना आसान नहीं होगा। हालांकि महागठबंधन की धार को कुंद करने के लिये मोदी-शाह की जोड़ी दिन रात काम कर रही है। इसके अलावा महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है, कि वो लोकसभा चुनाव में साथ नहीं लड़ेगे, अगर चुनाव त्रिकोणीय हुआ, तो फायदा बीजेपी को मिल सकता है। क्योंकि एनसीपी और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कह रही है।

208 सीट तय करेगी पीएम
कहा जा रहा है कि इन पांच राज्यों की 208 लोकसभा सीटें तय कर देगी, कि अगला पीएम कौन होगा। क्योंकि कांग्रेस भी इस बार पहले से ही तैयारी में जुटी है, क्षेत्रीय पार्टियों के लिये राहुल गांधी बांहे फैलाकर उन्हें अपने पाले में बुला रहे हैं, लेकिन शाह का मैनेजमेंट और मोदी के करिश्माई व्यक्तिव का फिर से एक बार परीक्षा होगी । शाह और मोदी ने यूपी और पूर्वी भारत में अपने दौरे तेज कर दिये हैं, कहा जा रहा है कि इन दोनों की नजर पूर्वी भारत की कुछ सीटों पर भी है, क्योंकि इस क्षेत्र में बीजेपी का तेजी से विकास हुआ है।