आजाद भारत मे यह खुशी का दृश्य है या फिर घोर अमानवीय, दासता और पीड़ा का

माना जा सकता है एक पल के लिये की साह जी ने भावावेश, प्रेम या फिर भक्ति या समर्पण के मुद्रा में पैर धोने और उसे पीने का प्लान कर लिया हो लेकिन सांसद महोदय आप तो होश में होंगे।

New Delhi, Sep 18 : आजाद भारत मे यह खुशी का दृश्य है या फिर घोर अमानवीय, दासता और पीड़ा का. दूबे जी का पैर शाह जी ने धोकर पी लिया और दुबे जी गदगद होकर अपनी खुशी सोशल मीडिया में जाहिर कर रहे है। बात इतने भर होती तो भी समझ लेते की यह मामला ब्राह्मणवाद, जातिवाद, मनुवाद का है या फिर शिक्षा-समझ के अभाव का,बुर्जुवा और सर्वहारा का है.

लेकिन यह दृश्य एक सांसद के पैर धोकर पीने का है जिसकी केंद्र में सरकार है और पीनेवाला भी उसी दल का कार्यकर्ता है जिसका दल का नारा है- सबका साथ सबका विकास! ये कैसा विकास है?ये कैसा न्यू इंडिया है?ये कैसी सामाजिक और राजनैतिक खाई है?

माना जा सकता है एक पल के लिये की साह जी ने भावावेश, प्रेम या फिर भक्ति या समर्पण के मुद्रा में पैर धोने और उसे पीने का प्लान कर लिया हो लेकिन सांसद महोदय आप तो होश में होंगे,संसद की सदस्यता ली होगी तो संविधान का ककहरा पढ़ा समझा होगा, आपने कैसे इस दृश्य को फलीभूत होने दिया और फिर किस नियत से तस्वीर शेयर कर इतरा रहे हैं।

ऐसे सामाजिक,धार्मिक,राजनैतिक और मानवीय मूल्यों को आघात पहुँचानेवाली घटना की घोर निन्दा होनी चाहिए और ऐसे सोच को फलित करने वाले व्यक्तियों का सरेआम तिरस्कार होना चहिये जिससे सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक शुद्धिकरण का रास्ता आडंबर, भेदभाव और वर्चस्ववादी व्यवस्था को रौंदकर निकले.

(टीवी पत्रकार मधुरेन्द्र कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)