यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी की बुलेट प्रूफ एंबुलेंस पर नया खुलासा, जानें कहां तैयार की गई

मुख्‍तार अंसारी की एंबुलेंसबुलेट प्रूफ एंबुलेंस इन दिनों चर्चा में हैं, इसे लेकर एक और नया खुलासा हुआ है जो कि चौंकाने वाला है । आगे पढ़ें ये अपडेट ।

New Delhi, Apr 03: बाहुबली से विधायक बनने वाले मऊ विधानसभा से 5 बार विधायक रहे मुख्यार अंसारी कि बुलेट प्रूफ एंबुलेंस चर्चा में है, मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए इस्तेमाल की गई इस एंबुलेंस को लेकर खुलासा हुआ है कि ये चंडीगढ़ में नहीं बल्कि पंजाब में बनाई गई थी। हालांकि एंबुलेंस को लेकर पंजाब सरकार और पुलिस बचाव का रुख अपनाए हुए है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसकी जानकारी जुटा ली है । बताया गया है कि इस एंबुलेंस को 2013 में पंजाब में बुलेट प्रूफ किया गया था। इस एंबुलेंस को बुलेट प्रूफ बनाने के लिए मुख्‍तार के खासमखास उद्योगपति ने अहम भूमिका निभाई थी । इस उद्योगपति का फैब्रीकेशन का बड़ा व्‍यापार है ।

डॉ. अलका राय के खिलाफ केस दर्ज
मुख्तार के लिए इस्‍तेमाल हो रही बुलेट प्रूफ एंबुलेंस पर मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के सदर थाने की पुलिस ने भाजपा की नेता डॉ. अलका राय के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। केस बाराबंकी एआरटीओ की शिकायत पर दर्ज किया गया है। दरअसल यूपी 41 एटी 7171 नंबर की यह एंबुलेंस साल 2013 में बाराबंकी से रजिस्टर की गई थी । एंबुलेंस को मऊ के संजीवनी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर किया गया था, जिस  पर संजीवनी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा एसएन राय के दस्‍तखत भी हैं ।

मुख्तार के गांव के पास है डॉक्टर का गांव
आपको बता दें एंबुलेंस को लेकर मचे घमासान के बीच जिस डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है वह मऊ जिले के ही चांदपुर गांव की रहने वाली हैं ।चांदपुर गांव मुख्तार अंसारी के गांव यूसुफपुर से महज सात किलोमीटर की दूरी पर है । हालांकि अपने बयान में बीजेपी के नेता डॉ अलका राय ने मुख्तार अंसारी से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है। यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल के मुताबिक इस एंबुलेंस में मुख्तार के गुर्गे हथियारों के साथ हर समय मौजूद रहते थे । इस एंबुलेंस में सुख-सुविधाओं के साथ सैटेलाइट फोन की भी व्यवस्था थी ।

मोहाली में की गई अपडेट
खबर मिल रही है कि मुख्तार की एंबुलेंस चंडीगढ़ नहीं बल्कि मोहाली में बुलेट प्रूफ की गई । जिसे साल 2013 मैं मोहाली की एक फैक्ट्री में अपडेट किया गया था, फिलहाल यूपी पुलिस इस बात के पुख्‍ता सबूत ढूढं रही है । यूपी सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि मुख्तार की एंबुलेंस मामूली एंबुलेंस नहीं बल्कि उसका चलता फिरता है किला थी। आपको बता दें मुख्तार अंसारी को मुहैया कराई गई एंबुलेंस मामले में कार्रवाई शुरू हो चुकी है । ये भी पता चला है कि वाहन को रजिस्टर कराने के लिए जिन कागजातों का इस्तेमाल किया गया था वह सभी फर्जी हैं।

बुलेट प्रूफ गाड़ियों का है काफिला
बाहुबली मुख्तार अंसारी के पास सिर्फ यह बुलेट प्रूफ एंबुलेंस ही नही है बल्कि उसे काफिले में चलने वाली कई गाड़ियां बुलेट प्रूफ है। सूत्रों की मानें तो साल 2008 और 2009 के बीच मुख्तार ने एक टाटा सफारी और एक पजेरो स्पोर्ट गाड़ी को भी बुलेट प्रूफ बनवाया था। उसकी ये एंबुलेंस जेल और उसके बंगले के बाहर ही खड़ी रहती है। एंबुलेंस को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच पुलिस को अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि एंबुलेंस को कहां और किस कंपनी में बुलेट प्रूफ कराया गया था।