भाई और बेटे में किसका साथ देंगे मुलायम सिंह यादव ? फिर एक बार पलटी मार गये नेताजी

अखिलेश यादव जब सीएम थे, तो मुलायम सिंह यादव ने कई बार सार्वजनिक मंच से बेटे के काम-काज की आलोचना की।

New Delhi, Sep 06 : चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश के बीच झगड़े में मुलायम सिंह यादव छोटे भाई के नहीं बल्कि बेटे के साथ रहेंगे, ऐसा संकेत उन्होने खुद ही दिया है। शिवपाल ने बगावत कर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बना लिया है, जिसके बाद अखिलेश के करीबी एक बड़े नेता सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मिले, तो उन्होने कहा कि वो समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिये यूपी के हर मंडल में जनसभा करना चाहते हैं, जिसके लिये इंतजाम किया जाए, लंबे अर्से बाद वो पार्टी दफ्तर में भी आने-जाने लगे हैं।

अखिलेश के काम-काज की सार्वजनिक रुप से आलोचना
अखिलेश यादव जब सीएम थे, तो मुलायम सिंह यादव ने कई बार सार्वजनिक मंच से बेटे के काम-काज की आलोचना की, कई बार उन्होने सार्वजनिक मंच से सपा सरकार को डांट लगाई। पिछले साल 25 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के करीबियों ने मीडिया को खबर दी, कि सभी लोग लोहिया ट्रस्ट पहुंच जाएं, क्योंकि नेताजी अब बेटे से अलग नई पार्टी बनाने का ऐलान करेंगे, देश के करीब सभी मीडिया हाउसों की ओबी वैन वहां लग गई, लोग सांसें थामे इंतजार कर रहे थे, लेकिन एक पिता कैसे नई पार्टी का ऐलान करते, जिस बेटे को उन्होने खुद ही यूपी की गद्दी सौंपी थी, जिस सपा की उन्होने स्थापना की थी, उसे कैसे छोड़ते।

पिता नेता पर भारी पड़ता है
मुलायम सिंह यादव लोहिया ट्रस्ट पहुंचे, उन्होने बोलना शुरु किया, मोदी से लेकर चीन तक हर विषय पर बोले, लेकिन बेटे अखिलेश के बारे में एक शब्द नहीं कहा, फिर मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल पूछा, तो कहने लगे, कि मेरा बेटा है, बेटे के नाते मेरा आशीर्वाद उसके साथ है। मुलायम सिंह के करीबियों का कहना है कि हर नाजुक वक्त पर मुलायम सिंह यादव के अंदर का बाप जाग उठता है, उनके नेता पर बाप भारी पड़ता है, इसी वजह से वो डांट कर भी चुप हो जाते हैं।

शिवपाल ने सपा का नाम हटाया
इस बीच शिवपाल यादव ने अपने फेसबुक पेज से लेकर ट्विटर पर समाजवादी पार्टी के निशान हटा दिये हैं, वो खुद को विधायक तो बता रहे हैं, लेकिन पार्टी का नाम हटा लिया है। ट्विटर पर शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को अनफॉलो कर दिया है। हालांकि माना जा रहा है कि अगर शिवपाल के साथ मुलायम सिंह यादव नहीं आएंगे, तो वो कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाएंगे।

अखिलेश का बुरा नहीं होने देंगे पिता
यूपी की सियासत को करीब से देखने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि लगता है कि शिवपाल अखिलेश से अपने लिये कुछ बारगेन करने में लगे हैं, जहां तक मुलायम सिंह यादव का सवाल है, तो अब तक तजुर्बा ये है कि वो अपने बेटे का बुरा नहीं होने देंगे। फिर ऐसे में सवाल ये है कि क्या मुलायम सिंह यादव के बिना शिवपाल यादव की बगावत लोकसभा चुनाव में रंग दिखाएगी। खासकर तब जब सपा और बसपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। यूपी राजनीति के एक्सपर्ट का कहना है कि शिवपाल फिरोजाबाद, इटावा, कन्नौज में कुछ वोट काटने के अलावा ज्यादा बड़ा नुकसान नहीं कर पाएंगे, हालांकि अमर सिंह उन्हें लगातार आश्वासन दे रहे हैं कि वो उन्हें हर तरह से मदद करेंगे, अगर शिवपाल और अमर सिंह साथ आएंगे, तो अखिलेश को नुकसान पहुंचा सकते हैं।