डॉक्टर राज नागरकर ने अखबार के साथ बातचीत में कहा है कि बीते 30 अप्रैल को हिमांशु रॉय का टेस्ट रिपोर्ट आया था, जिसमें कैंसर का कोई अंश नहीं मिला था।
New Delhi, May 13 : महाराष्ट्र पुलिस के तेज-तर्रार अधिकारियों में गिने जाने वाले हिमांशु रॉय के आत्महत्या मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अब तक ये माना जा रहा था कि आईपीएस अधिकारी कैंसर से पीड़ित थे, इसी बीमारी से परेशान होकर उन्होने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। अब मिड डे अखबार ने इस मामले में ये दावा किया है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी को कैंसर हुआ जरुर था, लेकिन अब उनकी हालत ठीक थी। अखबार ने ये दावा नासिक के डॉक्टर राज नागरकर के हवाले से किया है, आपको बता दें कि यही डॉक्टर हिमांशु रॉय का इलाज कर रहे थे।
30 अप्रैल को आई थी रिपोर्ट
डॉक्टर राज नागरकर ने अखबार के साथ बातचीत में कहा है कि बीते 30 अप्रैल को हिमांशु रॉय का टेस्ट रिपोर्ट आया था, जिसमें कैंसर का कोई अंश नहीं मिला था। डॉक्टर के मुताबिक आईपीएस अधिकारी बिल्कुल ठीक हो गये थे। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अगर मुंबई पुलिस के अधिकारी का कैंसर ठीक हो गया था, तो फिर उन्होने आत्महत्या किस वजह से की ?
कैंसर की वजह से आत्महत्या नहीं
हिमांशु रॉय के कैंसर का इलाज करने वाले डॉ. राज नागरकर ने दो टूक शब्दों में कहा कि ये कहना गलत होगा कि आईपीएस अधिकारी ने बीमारी की वजह से आत्महत्या की है। हाल के रिपोर्ट जो सामने आये थे, उसमें वो स्वस्थय थे। डॉक्टर राज नागरकर का ये बयान कई सारे सवालों को पैदा कर रहा है। कि आखिरकार आईपीएस अधिकारी ने आत्महत्या क्यों की ?
पूरे शरीर में थे 44 ट्यूमर
अखबार के साथ बातचीत करते हुए कैंसर स्पेशलिस्ट ने दावा किया कि फरवरी 2016 में मुंबई पुलिस के अधिकारी को बोन कैंसर हो गया था, हम जानने चाहते थे कि उन पर कौन सी दवा काम करेगी। इसलिये हमने कुछ टेस्ट कराये। डॉक्टर नागरकर ने बताया कि हमने उन्हें एक थैरेपी का सुझाव दिया था, जो दवाई और इंजेक्शन के जरिये उन्हें दी जाती थी।
किडनी में पहला ट्यूमर
हिमांशु रॉय का पुणे में डॉक्टरों की एक टीम इलाज कर रही थी, उस समय उनके शरीर में 44 ट्यूमर का इलाज चल रहा था, डॉक्टर की मानें तो सबसे पहला ट्यूमर (साल 2002) उनके शरीर में किडनी में हुआ था, तब से वो लगातार इलाज करवा रहे थे। हाल के दिनों में उनकी हालत में सुधार थी।
कब ज्वाइन कर सकता हूं ड्यूटी ?
डॉ. राज नागरकर ने आगे बताते हुए कहा कि बीते 30 अप्रैल को उनका स्कैन किया गया था, जिसमें कैंसर का कोई अंश नहीं मिला था। इस बात से हिमांशु बेहद खुश थे, तब उन्होने डॉक्टर से पूछा भी था कि वो दोबारा कब से ड्यूटी ज्वाइन कर सकते हैं। इसके जवाब में डॉक्टर ने कहा था कि पहले दवाइयां कम की जाए, उनके स्वास्थ्य पर बराबर नजर रखी जाएगी, उसके बाद उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करने के बारे में बताया जाएगा।
कैंसर पीड़ितों से बात करने वाले थे अधिकारी
डॉ. नागरकर ने ये भी खुलासा किया, कि हिमांशु रॉय से उनकी तीन हफ्ते पहले बात हुई थी, तब उन्होने बताया था कि वो ओपन फोरम में कैंसर पीड़ितों से बात करने वाले हैं, डॉक्टर ने बताया कि उन्हें शुक्रवार दोपहर को उनके खुदकुशी के बारे में पता चला, उनके बारे में जानकर दुख और हैरानी हुई। डॉक्टर के कहा कि मुझे नहीं लगता कि उन्होने कैंसर की वजह से खुदकुशी की है।