जानिये, ब्रजेश ठाकुर का ‘बजबजाता सच’, ‘दो कौड़ी’ के अखबार से करोड़ों की कमाई

ब्रजेश ठाकुर की पहुंच हर सरकार में थी, बीते 25 सालों में उसने खुद भी सियासत में हाथ आजमाने की कई नाकाम कोशिशें की।

New Delhi, Aug 02 : मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले ने बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का बजबजाता सच जब लोगों के सामने आ रहा है, तो लोगों को पता चल रहा है कि आखिर सरकारी खर्चे पर चलने वाले इस बालिका गृह में वो छोटी बच्चियों और लड़कियों के साथ कैसे हैवानियत की हदें पार करता था। दो कौड़ी के अखबार छापने वाले और सरकार से करोड़ों का विज्ञापन लेने वाले ब्रजेश ने नीचता की सारी हदें पार कर रखी है। लेकिन मुजफ्फरपुर के लोग या तो तमाशबीन बने थे या फिर इस घिनौने खेल के किरदार और भागीदार थे।

‘शैतान’ है ब्रजेश ठाकुर
मुजफ्फरपुर के तमाम लोग ऐसी बातें कह रहे हैं, कि शहर के बीचों-बीच अपने हवेली में ठाट से रहने वाला शख्स को खुद को पत्रकार, प्रकाशक और संपादक कहता था, असल में वो शैतान था। शहर के लोगों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर के पिता का नाम राधा मोहन ठाकुर था, फर्जी अखबार के नाम पर सरकार से विज्ञापन लेना उनका पुश्तैनी धंधा है, जब ब्रजेश ठाकुर ने पिता के इस धंधे में उतरा, तो बस आगे बढता चला गया, क्योंकि वो अपने पिता से भी ज्यादा इस धंधे में झूठ, प्रपंच और कुछ लोगों को लोभ देने लगा।

लगाता था महफिल
ब्रजेश कई नेताओं, मंत्रियों और बड़े अधिकारियों की अपने घर पर महफिल लगाता था, उसे शराब के साथ-साथ लड़कियां भी दी जाती थी। कहा जाता है कि इन अड्डो पर उसके बालिका गृह की मजबूर लड़कियां होती थी, जिसके साथ दुष्कर्म किया जाता था, आपको बता दें कि उसके शेल्टर हाउस में रहने वाली 42 लड़कियों में से 32 के साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है, कई लड़कियों ने जब आपबीती सुनाई, तो पुलिस वालों की भी आंखें डबडबा गई।

सियासत में हाथ आजमाने की कोशिश
इस धंधेबाज की पहुंच हर सरकार में थी, बीते 25 सालों में उसने खुद भी सियासत में हाथ आजमाने की कई नाकाम कोशिशें की, सबसे पहले उसने आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उसने जदयू, राजद समेत दूसरे दलों में भी अपनी पैठ बनानी शुरु कर दी। सभी दलों के नेताओं ने उससे लेन-देन के रिश्ते बनाये। अब एक-एक कर उसके कुकर्मो का भांडा फूट रहा है।

कैसे उठा मामला ?
पहली बार ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ के तहत चलने वाले शेल्टर होम में लड़कियों के साथ दुष्कर्म और जबरन उनसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की जानकारी कुछ महीने पहले आई थी, लेकिन इस रिपोर्ट को सरकार और मीडिया से जितनी तवज्जो मिलनी चाहिये थी, नहीं मिली। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बालिका गृह की कई लड़िकयों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है, उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है, साथ ही उन्हें आपत्तिजनक हालत में रखा जाता है।