मुश्किल में सिद्धू और उनकी पत्नी, जा सकते हैं जेल, विजिलेंस खंगाल रही फाइल

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जब नवजोत सिंह सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे, तो उस दौरान कथित तौर पर जीरकपुर, डेराबस्सी और चंडीगढ के पास स्थित नया गांव जमीन मामले में कुछ अनियमितताएं हुई थीं।

New Delhi, Mar 16 : पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके ही पूर्व सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अब सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पर विजिलेंस की जांच भारी पड़ सकती है, वो लगातार पंजाब में नशे तथा बेअदबी के मामले को लेकर कैप्टन के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं, लेकिन अब अचानक विजिलेंस ने उनके मंत्री रहने के दौरान हुई अनियमितताओं को लेकर जांच शुरु कर दी है।

क्या है मामला, जिस पर हो रही जांच
बताया जा रहा है कि जब नवजोत सिंह सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे, तो उस दौरान कथित तौर पर जीरकपुर, डेराबस्सी और चंडीगढ के पास स्थित नया गांव जमीन मामले में कुछ अनियमितताएं हुई थीं, इसके अलावा अमृतसर में नगर सुधार ट्रस्ट की ओर से बिक्री के लिये बनाये गये बूथ को कम किराये पर अपने चहेतों को देने के भी आरोप हैं, सूत्रों का कहना है कि मामले में विजिलेंस ने कुछ सबूत भी जुटाये हैं, एक हिंदी दैनिक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक नियमों को दरकिनार कर प्लॉट की अदला-बदली के मामलों को लेकर भी विजिलेंस ने जांच की है।

विजिलेंस कर रही जांच
सिद्धू के ओएसडी रहे रुपिंद्र सिंह उर्फ बन्नी संधू की ओर से कमर्शियल प्रोजेक्ट के सीएलयू दिलाने का मामला भी सामने आया है, वहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के निजी सहायक गौरव वासु भी विजिलेंस की रडार पर हैं, प्रोजेक्टों को नियमों के खिलाफ जाकर मंजूरी दिलाने, अमृतसर में कम कीमत पर दो बूथ हासिल करने, बूथ किराये पर लेकर आगे किसी और को देने, सस्ते भाव पर कमर्शियल विज्ञापन के टेंडर हासिल करने के सुराग विजिलेंस के हाथ लगे हैं।

सिद्धू का आरोप
आपको बता दें कि बीते सप्ताह सिद्धू ने एक ट्वीट में आरोप लगाया था, कि विधायकों के बीच ये आम सहमति है, कि कांग्रेस सरकार के बदले में बादल सरकार शासन कर रही है, अकसर हमारे विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की बात सुनने की बजाय नौकरशाही और पुलिस बादल परिवार की इच्छाओं के अनुसार काम करती है, सरकार जनता के कल्याण के लिये नहीं बल्कि माफिया राज जारी रखने के लिये कार्य करती है।