नेहरु का खत एडविना तक पहुंचाने रोजाना लंदन जाती थी एयर इंडिया की फ्लाइट, किताब में खुलासा

एडविना ही नहीं बल्कि नेहरु के और भी इश्क के चर्चों ने खूब सुर्खियां बटोरी। सरोजनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू के लिये भी नेहरु के दिल में सॉफ्ट कॉर्नर था।

New Delhi, Sep 26 : देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के बारे में वैसे तो इतिहास में कई किस्से दर्ज हैं, इनमें सबसे ज्यादा चर्चित उनके और लॉर्ड माउंट बेटेन की पत्नी एडविना माउंटबेटेन की बीच गहरी दोस्ती के किस्से हैं। हालांकि इन किस्सों को कई बार सिरे से खारिज किया गया है, तो कई बार बकायदा सबूतों के साथ, किताबों और पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है। इन दोनों के संबंधों का एक हिस्सा ऐसा है, जो ऑन रिकॉर्ड होने के बावजूद ज्यादा प्रचलित और चर्चित ना हुआ।

चिट्ठियां लिखा करते थे नेहरु
ये किस्सा कुछ यूं है कि देश आजाद होने के बाद माउंटबेटेन अपनी पत्नी एडविना के साथ ब्रिटेन चले गये, जबकि नेहरु देश के पहले प्रधानमंत्री बन चुके थे। ऐसे में नेहरु और एडविना के बीच बातचीत का सबसे अच्छा जरिया चिट्ठियां बना। उन दिनों एयरलाइंस एयर इंडिया का विमान रोजाना जवाहर लाल नेहरु की चिट्ठियां लेकर लंदन जाता था।

हाई कमीशन को सौंपी जाती थी चिट्ठियां
नेहरु जी की चिट्ठियां एयर इंडिया के कर्मचारी लंदन में हाई कमीशन को सौंप देते थे, इसके बाद हाई कमीशन की जिम्मेदारी होती थी, वो उन चिट्ठियों को एडविना तक सुरक्षित पहुंचा दें। फिर उधर से एडविना द्वारा दिये गये खत को हाई कमीशन के लोग एयर इंडिया के कर्मचारी को देते थे, जो दिल्ली आकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचाता था।

खत ना मिलने पर नाराज होते थे नेहरु
कई बार ऐसा होता था कि फ्लाइट लेट होने, या अधिकारियों के दूसरे कामों में व्यस्त होने की वजह से चिट्ठी नहीं पहुंच पाती थी, तो इससे तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु काफी नाराज होते थे, वो अधिकारियों पर जमकर बरसते थे। ये चिट्ठी वाला सिलसिला काफी लंबा चला। ये दावा वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी किताब एक जिंदगी काफी नहीं में किया है। मालूम हो कि हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार का निधन हुआ है।

नेहरु और पद्मजा नायडू का इश्क
एडविना ही नहीं बल्कि नेहरु के और भी इश्क के चर्चों ने खूब सुर्खियां बटोरी। सरोजनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू के लिये भी नेहरु के दिल में सॉफ्ट कॉर्नर था, कैथरिन फ्रैंक इंदिरा गांधी की जीवनी में लिखती हैं, कि विजयलक्ष्मी पंडित ने उन्हें बताय था कि नेहरु और पद्नजा का इश्क सालों चला। नेहरु ने उनसे शादी इसलिये नहीं की, क्योंकि वो अपनी बेटी इंदिरा को दुख नहीं पहुंचाना चाहते थे।