राफेल डील पर खुलकर बोली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, कर दी कांग्रेस की बोलती बंद

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ए के एंटनी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पूर्व डिफेंस मिनिस्टर अच्छी तरह से जानते हैं, कि डील में किस तरह से मोलभाव किया गया था।

New Delhi, Sep 18 : राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर है, आज पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी कह रही है, कि राफेल डील सस्ते में हुई है, अगर ऐसा है, तो फिर 126 लड़ाकू विमानों की जगह 36 ही क्यों खरीदे जा रहे हैं ? अब कांग्रेस नेता के इस बयान का जवाब देने के लिये रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आगे आई हैं।

रक्षा मंत्री ने क्या कहा ?
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ए के एंटनी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पूर्व डिफेंस मिनिस्टर अच्छी तरह से जानते हैं, कि डील में किस तरह से मोलभाव किया गया था। आपको बता दें कि मोदी सरकार में रक्षा मंत्रालय संभालने वाली निर्मला सीतारमण नई दिल्ली के इंडियन वूमेन ऑफ प्रेस कार्प्स के कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत कर रही थी।

36 की ही जरुरत
रक्ष मंत्री ने आगे बोलते हुए कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की डील यूपीए के समय में नहीं हुऊ थी, साथ ही ये भी बताया कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को डील से बाहर कर दिया गया था, कम विमान खरीदने की बात पर उन्होने कहा कि हमने उतने ही विमान का ऑर्डर किया, जितने हम चाहते थे, 126 विमान खरीदने के लिये समय चाहिये ।

राहुल गांधी लगातार उठा रहे सवाल
आपको बता दें कि राहुल गांधी की अगुवाई में पूरी कांग्रेस हमलावर है, संसद से लेकर सड़क तक कई बार राहुल गांधी ये सवाल उठा चुके हैं, उनके अनुसार अंबानी को फायदा पहुंचाने और पीएम के कहने पर रक्षा मंत्री विमानों की कीमत को सार्वजनिक नहीं कर रही, हालांकि राहुल गांधी ने सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि फ्रांस के साथ उनकी डील हुई है, कि वो कीमतों को सार्वजनिक नहीं करेंगे।

पीएम को घेरने की कोशिश
राहुल गांधी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, वो इन दिनों हर मंच से राफेल के मसले पर पीएम पर सवाल उठा रहे हैं, हालांकि नरेन्द्र मोदी ने अब तक इस मामले में चुप्पी साध रखी है। एक जनसभा में तो राहुल गांधी ने पीएम को ललकारते हुए कहा था कि एक सीधी बहस राफेल पर हम दोनों के बीच हो जाने दीजिए, लेकिन पीएम की ओर से मामले पर कोई जवाब नहीं आया।