मुख्यमंत्री पद से हटेंगे नीतीश कुमार? मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, बयान से नई चर्चा शुरु

Nitish Kumar

नीतीश ने बिहार विधानसभा में अपने कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो कभी ना कभी राज्यसभा जाना चाहेंगे, अब तक नीतीश बिहार विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।

New Delhi, Mar 31 : बिहार के सीएम नीतीश कुमार राज्यसभा जाना चाहते हैं, उन्होने अपनी इच्छा भी जाहिर की है, वो किसी दिन राज्यसभा जाना चाहेंगे, यदि सुशासन बाबू ऐसा करते हैं, तो वो बिहार के अन्य दो दिग्गज नेता लालू प्रसाद याजव और सुशील कुमार मोदी की बराबरी कर लेंगे, ये दोनों नेता संसद और विधानसभा के सभी सदनों के सदस्य रहे हैं।

नई भूमिका चाहते हैं नीतीश
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नीतीश ने बिहार विधानसभा में अपने कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो कभी ना कभी राज्यसभा जाना चाहेंगे, अब तक नीतीश बिहार विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं, 16 साल से सीएम की कुर्सी संभाल रहे नीतीश की इस इच्छा से संकेत मिलता है, कि अब वो किसी नई भूमिका में खुद को देखना चाहते हैं, आगामी कुछ ही समय में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिये चुनाव होने वाले हैं, इस संदर्भ में उनका बयान मायने रखता है, ऐसा इसलिये भी क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं, लिहाजा नीतीश कुमार की इस इच्छा को इन चुनावों और उपराष्ट्रपति पद से जोड़कर देखा जा रहा है।

पुराने लोकसभा क्षेत्र का दौरा
नीतीश से जब पूछा गया कि इन दिनों वो वो अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र बाढ का दौरा कर रहे हैं, तो क्या आने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नालंदा से उम्मीदवार हो सकते हैं, इस पर उन्होने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं, ये दौरा 2019 से प्रस्तावित था, लेकिन पिछले दो सालों में कोरोना के कारण संभव नहीं हो सका, जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्यसभा जाएंगे, तो उन्होने कहा कि ऐसी इच्छा है, लेकिन फिलहाल तो यहां की बागडोर की जिम्मेदारी है।

बयान से अटकलों को मिला बल
नीतीश से लेकर पहले से ये अटकलें चल रही है, कि उन्हें दिल्ली में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है, नीतीश सीएम पद के बदले कोई बड़ी जिम्मेदारी चाहते हैं, उपराष्ट्रपति का पद जल्द ही खाली होने वाला है, ऐसे में संभव है कि बीजेपी उन्हें इस कुर्सी पर बिठाकर बिहार की कमान खुद संभाल ले, आपको हता दें कि पिछले चुनाव में नीतीश की पार्टी को कम सीटें मिली थी, इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी दी। हालांकि सीएम रहते हुए भी गठबंधन सरकार में उनका रुतबा पहले जैसा नहीं रहा है।