फिल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर हंगामा अब भी जारी है, कई फिल्म की तारीफ कर रहे हैं तो कई फिल्म की जमकर आलोचना में जुटे हैं । अब इसे लेकर उमर अब्दुल्ला का भी बयान आया है ।
New Delhi, Mar 19: द कश्मीर फाइल्स पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है । तारीफ करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है तो वहीं आलोचना करने वालों की भी कमी नहीं । महज 12 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ताबड़-तोड़ कमाई कर रही है । फिल्म के शाज रिलीज के एक हफ्ते बाद तक भी हाउसफुल जा रहे हैं । ये फिल्म एक वर्ग को अपनी ओर आकर्षित कर रही है, लेकिन दूसरा वर्ग भी है जो इस फिल्म को सच से परे एक प्रोपेगेंडा बता रहा है । इनमें एक जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भी शामिल हो गए हैं ।
फिल्म सच से दूर
उमर अब्दुल्ला ने द कश्मीर फाइल्स को लेकर बयान दिया है, उमर ने कहा कि ये फिल्म कई मामलों में सच्चाई से काफी दूर है । उमर ने कहा कि अगर यह फिल्म एक डॉक्यूमेंट्री भी होती, हम समझ सकते थे । लेकिन मेकर्स ने खुद कहा है कि ये फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है लेकिन सच्चाई तो ये है कि इस फिल्म में कई गलत तथ्य दिखाए गए हैं । उमर के मुताबिक सबसे बड़ा झूठ तो ये है कि फिल्म में दिखाया गया है कि उस समय नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार थी, लेकिन सच ये है कि तब घाटी में राज्यपाल का शासन था । जबकि केंद्र में भी तब वीपी सिंह की सरकार थी और उसको बीजेपी का समर्थन हासिल था।
The pain & suffering of 1990 & after can not be undone. The way Kashmiri Pandits had their sense of security snatched from them & had to leave the valley is a stain on our culture of Kashmiriyat. We have to find ways to heal divides & not add to them. https://t.co/D5vzZ994Z8
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 18, 2022
सिख और मुस्लिमों ने भी किया पलायन- उमर
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि उस समय कश्मीरी पंडितों के अलावा मुस्लिमों, सिखों ने भी पलायन किया था, उनकी भी जान गई थी । उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों का घाटी से जाना दुखद था । ये भी दावा किया गया है कि एनसी अपनी तरफ से कश्मीरी पंडितों को वापस लाने की तैयारी कर रही थी, लेकिन द कश्मीर फाइल्स फिल्म ने उस प्लान को बर्बाद कर दिया है । उमर ने तो ये तक कह दिया कि फिल्म के मेकर्स ही असल में कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी नहीं चाहते हैं ।
विपक्ष है हमलावर, बीजेपी दे रही जवाब
उमर से पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इस फिल्म के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाया था । इन आरोपों के बीच बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी । मालवीय ने उमर अब्दुल्ला की उस बात को नकार दिया है कि फिल्म में सबकुछ गलत दिखाया गया है । एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने उस समय की कुछ घटनाओं को सामने लाने की कोशिश की है । अमित ने लिखा कि इंदिरा गांधी ने जगमोहन को 1984 में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया था, वहीं, 1989 में अपना इस्तीफा देने से पहले जगमोहन ने राजीव गांधी को चेतावनी दी थी कि घाटी में इस्लामिक बादल छा रहे थे । इसके बाद राजीव गांधी ने जगमोहन को लोकसभा का टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने वो लेने से मना कर दिया । अमित ने आगे लिखा है- जब 18 जनवरी 1990 को फारूक अब्दुल्ला ने इस्तीफा दिया था, तब 22 जनवरी को जगमोहन फिर घाटी आए थे। लेकिन तब तक घाटी पर जिहादियों का पूरा कब्जा था । मस्जिदों से घोषणा हो रही थी कि कश्मीरी पंडित या तो धर्म परिवर्तन कर लें, या छोड़ दें या मर जाएं । लेकिन तब कायरों की तरह फारूख अब्दुल्ला ने हिंदुओं को धोखा दे दिया था।