विपक्षी एकता और राहुल गांधी की क्षमता पर खुलकर बोले उमर अब्दुल्ला

बीते सप्ताह ही उमर अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, उन्होने संभावित विपक्षी मोर्चा को लेकर बातचीत की और रणनीति बनाई।

New Delhi, Aug 02 : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राहुल गांधी और विपक्षी एकता को लेकर कई बातें कही है, उन्होने कहा कि 2019 में बीजेपी को गद्दी से बाहर करने के लिये विपक्षी एकता के साथ-साथ चुनाव प्रचार अभियान की अगुवाई राहुल गांधी को करनी होगी। इसके साथ ही उन्होने ये भी रहा कि अपने प्रदेशों में मजबूत क्षेत्रीय नेताओं की जिम्मेदारी इससे कम नहीं होता है, कांग्रेस को धुरी बनना होगा, तभी कुछ भी संभव है।

कांग्रेस-बीजेपी की सीधी टक्कर
नेशनल कांफ्रेस के नेता आगे बोलते हुए कहा कि कई ऐसे राज्य हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर है। आखिरकार केन्द्र में सरकार बनाने के लिये आपको 272 सीटों की जरुरत होती है, Modi Lunchजो किसी भी क्षेत्रीय दलों को मिलने नहीं जा रही है, अगर आप गैर बीजेपी सरकार बनाना चाहते हैं, तो इस आंकड़े तक पहुंचने के लिये आपको कांग्रेस की तरफ भी देखना होगा।

ममता बनर्जी से मुलाकात
आपको बता दें कि बीते सप्ताह ही उमर अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, उन्होने संभावित विपक्षी मोर्चा को लेकर बातचीत की और रणनीति बनाई। विपक्षी मोर्चा बनाने के लिये पर्यास तेज किये जा रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि क्षेत्रीय दलों के नेताओं का एक समूह नहीं चाहता है कि कांग्रेस इसकी अगुवाई करे, इसी वजह से बात फंस जाती है, कुछ क्षेत्रीय दल चाहते हैं कि एक गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस मोर्चा बनाया जाए।

राहुल गांधी अगुवाई करें
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बनाये जाने के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सबसे बड़े विपक्षी दल का अध्यक्ष होने के नाते उनसे उम्मीद की जा रही है कि वो सरकार के खिलाफ चुनावी अभियान की अगुवाई करेंगे। इसके साथ ही उन्होने ये भी कहा कि हमें ये नहीं भूलना चाहिये, कि सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन हैं, इसलिये उनसे भी उम्मीद की जा रही है, कि वो इस चुनावी अभियान का हिस्सा होंगी।

किसी और को आपत्ति क्यों ?
राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर बोलते हुए उन्होने कहा कि कर्नाटक में सरकार बनाने में उन्होने अहम भूमिका निभाई, वहां उन्होने जिस तरह की परिपक्वता दिखाई, वो तारीफ के काबिल है, इसके साथ ही अब्दुल्ला ने कहा कि अगर किसी को उनके नेतृत्व पर संदेह होनी चाहिये, तो ये उनकी पार्टी में होनी चाहिये, लेकिन उनकी पार्टी में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, दूसरे लोग ही पता नहीं क्यों आपत्ति जता रहे हैं ?