राहत देने वाला है IIT प्रोफेसर का विश्लेषण, सिर्फ इतने दिनों में ही खत्म हो जाएगी कोरोना तीसरी लहर

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आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर तथा गणितज्ञ मनिंद अग्रवाल ने भी इस संबंध में अपने अध्ययन के बारे में बात की है, उनका दावा है कि जनवरी के आखिर तक भारत में कोरोना संक्रमण के 8 लाख केस देखने को मिल सकता है।

New Delhi, Jan 10 : देश में तेजी से बढ रहे कोरोना के आंकड़े अब डराने लगे हैं, सोनवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1,79,723 नये मामले सामने आये हैं, इसी अवधि में 146 लोगों की मौत हो चुकी है, कोरोना के एक्टिव केस बढकर 7,23,619 हो गये हैं, वहीं रोजाना पॉजिटिविटी दर 13.29 फीसदी हो गई है, वहीं देश में अब ओमिक्रॉन संक्रमण का कुल आंकड़ा बढकर 4033 हो गया है, इन सबके बीच विशेषज्ञ इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि दिल्ली, मुंबई समेत देश के कुछ हिस्सों में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है।

क्या है दावा
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर तथा गणितज्ञ मनिंद अग्रवाल ने भी इस संबंध में अपने अध्ययन के बारे में बात की है, उनका दावा है कि जनवरी के आखिर तक भारत में कोरोना संक्रमण के 8 लाख केस देखने को मिल सकता है, साथ ही उन्होने ये भी बताया कि देश में कोरोना की तीसरी लहर कब खत्म होगी, उन्होने कहा कि मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर इस महीने के मध्य में चरम पर पहुंचने की आशंका है, ये अब बहुत दूर नहीं है, दिल्ली के लिये भी कुछ ऐसा ही है।

फरवरी के शुरुआत में चरम पर
उनका कहना है कि मौजूदा प्रारंभिक गणना के मुताबिक हम अशंका जाहिर कर रहे हैं कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर अगले महीने यानी फरवरी के शुरुऐत में चरम पर पहुंच जाएगी, उन्होने कहा कि दिल्ली और मुंबई के कोरोना ग्राफ जितनी तेजी से ऊपर गये हैं, उतनी ही तेजी से नीचे भी आने की संभावना है, पूरे देश का ग्राफ अभी बढना शुरु हुआ है, इसे चरम पर पहुंचने और नीचे आने में एक और महीने का समय लगना चाहिये, मार्च के मध्य तक भारत में महामारी की तीसरी लहर खत्म होने की संभावना है।

पहला लॉकडाउन
लॉकडाउन पर मनिंद अग्रनाल ने कहा कि पहली लहर में बहुत सख्त लॉकडाउन ने कोरोना के प्रसार को आधा कर दिया था, दूसरी लहर के दौरान अलग-अलग राज्यों ने अलग-अलग रणनीति अपनाई थी, जिन राज्यों ने हल्के या मध्यम लॉक़डाउन को ठीक से लागू किया, delhi lockdown वहां भी कोरोना संक्रमण कम करने में मदद मिली। उन्होने कहा कि सख्त लॉकडाउन हमेशा ज्यादा मदद करता है, लेकिन ये बहुत से लोगों के लिये आजीविका के पूर्ण नुकसान के रुप में होता है, हम हमेशा कोरोना मौतों के बारे में बात करते हैं, लेकिन हमें कभी-कभी आजीविका के इस नुकसान से हुई मौतों के बारे में भी बात करनी चाहिये।