सपा की तेज-तर्रार प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने पार्टी छोड़ दी है, उन्होने ट्विटर पर ये जानकारी शेयर की । पंखुड़ी जाते-जाते पार्टी को बड़ा झटका दे गई हैं । उन्होनों पार्टी के अंदर चल रही उहापोह की स्थिति सामने ला दी है ।
New Delhi, Aug 28 : देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार माने जाने वाले समाजवादी परिवार में पिछले कुछ समय से सब ठीक नहीं चल रहा है । यूपी चुनाव से पहले से ही पार्टी की स्थिति डांवाडोल हो गई है । बाहरी ही नहीं पार्टी आंतरिक तौर भी कमजोर हो रही है । इतना ही नहीं पार्टी के हालातों पर खुद मुलायम सिंह यादव कह चुके हैं कि उनका पार्टी में कोई सम्मान नहीं करता, उन्होने ये तक कह डाला कि शायद मरने के बाद ही उनका सम्मान होगा । अब पार्टी को एक और ण्अका लगा है ।
पार्टी की प्रवक्ता ने छोड़ी पार्टी
ऐसे हालातों में अखिलेश यादव को एक बड़ा झटका लगा है । पार्टी की प्रवक्ता पंखुड़ी यादव ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है औ जानकारी ट्विटर पर शेयर कर दी है । पंखुड़ी का पार्टी को छोड़ना सपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि अब तक पंखुड़ी टीवी शोज और कई प्लेटफॉर्म पर पार्टी का पक्ष बड़ी ही सफाई से पेश करती आई हैं ।
सपा ने जारी की प्रवक्ताओं की सूची
दरअसल पंखुड़ी पाठक का ये ट्वीट तब आया जब सपा की ओर से अपने प्रवक्ताओं की नई लिस्ट जारी की गई । इस लिस्ट में पंखुड़ी का नाम शामिल नहीं है । नई लिस्ट में 24 लोगों को समाजवादी पार्टी का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया है, इस नई लिस्ट में पंखुड़ी पाठक का नाम नहीं था। इस लिस्ट के आने के ठीक एक घंटे बाद ही पंखुड़ी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया ।
जाते-जाते बड़ा ऐलान
पंखुड़ी ने एक साथ कई ट्वीट करते हुए पार्टी की कार्य प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठा दिए । उन्होने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि @samajwadiparty के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ। 8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है।”
पंखुड़ी ने पार्टी नेतृत्व पर उठाए सवाल
अपने अगले ट्वीट में पंखुड़ी पाठक ने लिखा – ” कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को ले कर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियाँ लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है। ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता कर के बने रहना अब मुमकिन नहीं है।”
‘किसी दूसरे दल से सम्पर्क में नहीं हूँ’
पंखुड़ी पाठक ने इसके बाद आने वाले समय में किसी और दल से जुड़ने की संभावनाओं पर भी अपनी स्थिति साफ की । उन्होने लिखा -” मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफ़वाहें फैलाई जाएँगी। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूँ ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूँ।अन्य ज़िम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूँगी।”