पिटाई के बाद फूट-फूट कर रोये पप्पू यादव, लालू राज में था ‘भारी खौफ’, जेल में घुसकर मनाते थे जश्न

आज से कुछ साल पहले तक पप्पू यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दाहिने हाथ कहे जाते थे। पप्पू यादव राजद के सांसद थे और छात्रों तथा युवाओं के बीच उनकी अच्छी पैठ थी।

New Delhi, Sep 07 : बिहार के मधेपुरा सीट से सांसद पप्पू यादव सुर्खियों में हैं, 06 सितंबर को सवर्णों ने भारत बंद के ऐलान किया था, बंद समर्थकों ने मुजफ्फरपुर में उन पर हमला बोल उन्हें घायल कर दिया। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक ने रो-रोकर अपनी आपबीती मीडिया को सुनाई, हालांकि लोगों को उनके इस हाल पर यकीन नहीं हो रहा था, क्योंकि पप्पू यादव की छवि एक दबंग नेता की रही है, वो माकपा नेता और पूर्व विधायक अजित सरकार हत्याकांड में आरोपी थे, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया, लेकिन जब पप्पू यागव इस केस में ट्रायल फेस कर रहे थे, तब बिहार की राजनीति में उनकी छवि दबंग नेता की बनी थी।

लालू यादव के खासमखास
आज से कुछ साल पहले तक पप्पू यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दाहिने हाथ कहे जाते थे। पप्पू यादव राजद के सांसद थे और छात्रों तथा युवाओं के बीच उनकी अच्छी पैठ थी। कहा जाता है कि अजित सरकार केस में जब वो जेल में थे, तो बीमारी का बहाना बनाकर पीएमसीएच के कैदी वॉर्ड में भर्ती रहते थे। पीएमसीएच में फरियादी लाइन लगाकर पप्पू यादव से मिलने के लिये आते थे। पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में भी उनका सिक्का चलता था।

पीएमसीएच में खुलेआम घूमते थे
तब के लोगों का दावा है कि पप्पू यादव शुरुआत से ही दबंग रहे हैं, वो पीएमसीएच में भर्ती थे, तो आईसीयू वार्ड के दो कमरे पर कब्जा किये रहते थे, सुरक्षा और बाकी चीजों को ताक पर रखकर वो अस्पताल के दूसरे वार्डों में खुलेआम घूमा करते थे, तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन बिहार सरकार को फटकार लगाई थी, जिसके बाद उन्हें पीएमसीएच से जेल शिफ्ट किया गया था।

जेल के अंदर भी वीआईपी ट्रीटमेंट
ऐसा नहीं है कि जेल के बाहर ही उनकी खातिरदारी होती थी, वो जेल में भी वीआईपी ट्रीटमेंट करते थे। मधेपुरा सांसद पर जेल के भीतर पार्टी करने का आरोप लगा था, साल 2004 में अजित सरकार हत्याकांड में उन्हें नियमित जमानत मिल गई। तो वो बेऊर जेल से रिहा हुए, लेकिन फिर 26 सितंबर 2004 को दोबारा जेल में घुसकर पार्टी की थी, तत्कालीन जेल आईजी ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया था। आरोप है सांसद ने जेल के भीतर अपने समर्थकों और जेल कर्मचारियों को पार्टी दी थी। बाद में जमानत रद्द होने पर उन्हें बेऊर से दिल्ली तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया।

तिहाड़ में लिखा किताब
तिहाड़ जेल में रहते हुए सांसद ने अपनी आत्मकथा द्रोहकाल का पथिक लिखा, इस किताब में उन्होने कई सनसनीखेज दावे किये, उन्होने लिखा है कि साल 2008 में यूपीए वन सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिये बीजेपी और कांग्रेस दोोनं ने सांसदों को 40-40 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। पप्पू यादव ने ये भी लिखा है कि साल 2001 में एनडीए के समर्थन के लिये पैसे बांटे गये थे, पप्पू यादव के अनुसार साल 2001 में एनडीए सरकार के तत्कालीन फाइनेंस मिनिस्टर यशवंत सिन्हा ने इंडियन फेडरल डेमोक्रेटिक पार्टी के 3 सांसदों को एनडीए का हिस्सा बनने के लिये पैसे दिये थे। पप्पू यादव के अनुसार तत्कालीन सांसद अनवारुल हक को एक एसेंट कार के साथ एक करोड़ रुपये मिला था, इस दावे से राजनीतिक जगत में सनसनी फैल गई थी।

पूर्णिया में सीपीएम नेता की हत्या
मालूम हो कि 14 जून 1998 को सीपीएम नेता और पूर्व एमएलए अजित सरकार की पूर्णिया में गोली मारकर कर हत्या हुई थी, सीबीआई ने मामले में पप्पू यादव को भी नामित किया था। निचली कोर्ट ने साल 2008 में उन्हें दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा दी थी, फिर हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में मई 2013 में उन्हें इस मामले में बरी कर दिया था। पप्पू यादव 1991, 1996, 2004 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। अजित सरकार केस में उम्रकैद होने की वजह से 2009 चुनाव वो नहीं लड़ पाये थे। 2014 में उन्होने मधेपुरा सीट से शरद यादव को हराया था।