नई बीमारी की वजह से कमजोर होते जा रहे हैं परवेज मुशर्रफ, नहीं लौट सकते पाकिस्तान

मोहम्मद अमजद ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान लौटेंगे, लेकिन इस गारंटी पर कि उनके मुकदमे की सुनवाई निष्पक्ष तरीके से होगी।

New Delhi, Oct 02 : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ किसी नई बीमारी की वजह के दिनों-दिन कमजोर होते जा रहे हैं। इसी वजह से वो देशद्रोह के मुकदमे का सामना करने के लिये देश वापस नहीं आ सकते। इस बात की जानकारी जनरल परवेज मुशर्रफ की पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दी। आपको बता दें कि 2016 से दुबई में रह रहे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ साल 2007 में संविधान को निलंबित करने के लिये देशद्रोह के मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

गंभीर बीमारी की चपेट में
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार परवेज मुशर्रफ द्वारा बनाये गये ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद अमजद ने कहा कि परवेज मुशर्रफ स्वास्थ्य की वजह से परेशान हैं, नई बीमारी के कारण पूर्व राष्ट्रपति को हर 3 महीने में इलाज के लिये लंदन जाना पड़ता है। इसके साथ ही बीमारी की वजह से वो कमजोर होते जा रहे हैं।

पहले टूटी थी रीढ की हड्डी
हालांकि मोहम्मद अमजद ने ये जानकारी नहीं दी कि परवेज मुशर्रफ को कौन सी बीमारी हुई है। रविवार को पार्टी की एक बैठक के बाद उन्होने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले पूर्व राष्ट्रपति की रीढ की हड्डी टूट गई थी, जिसका उन्होने अमेरिका में इलाज करवाया। अब वो दूसरी गंभीर बीमारी की चपेट में आ गये हैं, जिसका इलाज करवा रहे हैं। इसके लिये उन्हें हर 3 महीने में लंदन जाना पड़ता है।

बीमारी के बारे में नहीं बता सके
परवेज मुशर्रफ की पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हम अभी उनकी बीमारी के बारे में देश को नहीं बता सकते, लेकिन हम इस बारे में अदालत को जरुर बताएंगे, इसके साथ ही बीमारी से जुड़े दस्तावेज मुख्य न्यायधीश को सौंपेंगे। मोहम्मद अमजद ने कहा कि परवेज मुशर्रफ लगातार कमजोर होते जा रहे हैं, इसलिये हम उनकी जान जोखिम में नहीं डाल सकते। इलाज के बाद वो पाकिस्तान न्यायालय में पेश होंगे।

निष्पक्ष हो मामले की सुनवाई
पूर्व अध्यक्ष ने आगे बोलते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति पाकिस्तान लौटेंगे, लेकिन इस गारंटी पर कि उनके मुकदमे की सुनवाई निष्पक्ष तरीके से होगी, और उन्हें इलाज के लिये विदेश जाने दिया जाएगा। मोहम्मद अमजद ने ये भी दावा किया, कि उनकी पार्टी ने 25 जुलाई को हुए आम चुनाव में उन्हें वापस लाने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी राह में रोड़े अटकाये गये थे। ताकि उन्हें पाक नहीं आने दिया जा सके।