मोहित के अनुसार जब उनके पापा एक बार पेट्रोल पंप पर काम करने में जुटे फिर उसके अलावा कुछ सोच ही नहीं सके।
New Delhi, Jan 23 : एमपी के ग्वालियर में रहने वाले राम मनोहर मंडेलिया पिछले 18 साल से पेट्रोल पंप पर वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरने का काम करते हैं, लेकिन इस छोटी सी नौकरी से भी उन्होने अपने बेटे को ऐसी परवरिश और शिक्षा दी, कि उनका बेटा मोहित का चयन एक पेट्रोलियम कंपनी में अधिकारी के तौर पर हुआ है। आपको बता दें कि मोहित मंडेलिया आईआईएम शिलांग के छात्र थे, इसी कॉलेज से उनका चयन एक पेट्रोलियम कंपनी में हुआ है।
परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए मोहित मंडेलिया ने बताया कि उनके पिता अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहते थे, लेकिन पढाई के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसकी वजह से उन्होने कम उम्र में ही पेट्रोल पंप पर नौकरी शुरु कर दी। ताकि घर खर्च आसानी से चल सके।
बेटे की शिक्षा में नहीं होने दी कमी
मोहित के अनुसार जब उनके पापा एक बार पेट्रोल पंप पर काम करने में जुटे फिर उसके अलावा कुछ सोच ही नहीं सके, जब बेटे के पढाई की बारी आई, तो उन्होने सोचा कि चाहे जो कुछ हो, लेकिन बेटे की शिक्षा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा, अपने बेटे को मामूली काम करने नहीं दूगा, इसे अधिकारी बनाऊंगा, इसी वजह से पिता ने बेटे की शिक्षा के लिये हर तरह की परेशानी उठाई।
स्कूल से आईआईएम तक मिली स्कॉलरशिप
बेटे के मुताबिक परिवार की आर्थिक स्थिति और पिता का स्ट्रगल देख मैने पूरी लगन से पढाई की, स्कूल से लेकर आईआईएम तक स्कॉलरशिप मिली, आईआईएम शिलांग में पढाई के बाद एक पेट्रोलियम कंपनी में 21.4 लाख रुपये के सलाना पैकेज पर उनका चयन हो गया, वो उस कंपनी में बतौर सेल्स अधिकारी के पोस्ट पर काम करेंगे।
धनतेरस के दिन लगी लगी
मोहित मंडेलिया ने आगे बताते हुए कहा कि वो इस साल अप्रैल के आखिरी सप्ताह या फिर मई के पहले सप्ताह में नौकरी ज्वाइन कर लेंगे, उनका कैंपस सलेक्शन पिछले साल धनतेरस वाले दिन हुआ था, उनकी नौकरी की खबर सुन परिवार के लोग काफी खुश थे।
पिता से लिया था वादा
पिता राम मनोहर मंडेलिया ने बताया कि जो मैं नहीं कर सका, उसे मेरे बेटे ने कर दिखाया, वो कहते हैं कि मोहित मुझसे हमेशा यही कहता था कि पापा आप मेरे लिये इतना सोचते हैं तो मैं भी आपको निराश नहीं करुंगा। मोहित ने अपने पिता से वादा लिया था कि जिस दिन मैं अधिकारी बन जाऊंगा, उस दिन आप अपनी नौकरी से रिटायरमेंट ले लेंगे।
दो बार छोड़ी सरकारी नौकरी
पिता ने बताया कि उनका बेटा मोहित 12वीं में साइंस सब्जेक्ट में 100 फीसदी स्कॉलरशिप पर 9.4 सीजीपी के साथ पास किया था, फिर उन्होने बीएससी बायोटेक में एडमिशन लिया। जिसके पहले सेमेस्टर में उन्हें गोल्ड मेडल मिला था, फिर 100 फीसदी वाइस चांसलर स्कॉलरशिप मिली, ग्रेजुएशन के बाद उन्होने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरु की, उनका चन मंडी इंस्पेक्टर और रेलवे में हुआ, लेकिन उन्होने दोनों बार नौकरी छोड़ दी।
सामने आई कई परेशानियां
मोहित चाहते थे कि वो नौकरी ज्वाइन कर अपने पिता की आर्थिक रुप से मदद करें, लेकिन राम मनोहर की इच्छा थी कि बेटा अधिकारी बनें, फिर चाहें, कितना ही संघर्ष क्यों ना करना पड़े। पिता के समझाने के बाद ही मोहित ने कैट की तैयारी शुरु की, लेकिन सबसे बड़ा सवाल था कि कोचिंग की मोटी फीस का इंतजाम कैसे किया जाए, लेकिन राम मनोहर ने हार नहीं मानी, उन्होने अपने रिश्तेदारों से कर्ज लिया।
स्कॉलरशिप में मिला एडमिशन
दूसरी तरफ मोहित के स्कूल की ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन भी उन्हें कोचिंग फीस भरने में मदद की, जब साल 2015 कैट का रिजल्ट आया, तो मोहित का उसमें चयन हो गया, शिलांग में 2 साल की कोर्स की फीस 15 लाख रुपये थी, लेकिन मेधावी छात्र योजना के तहत उन्हें 100 फीसदी स्कॉलरशिप मिल गई। अब उनका चयन देश की एक बड़ी कंपनी में हो गया है, मोहित को अप्रैल 2018 में पेट्रोलियम कंपनी के मुंबई स्थित ऑफिस में 21.4 लाख के सलाना पैकेज पर सेल्स ऑफिसर के पद पर ज्वाइन करना है।