कभी ऑटो रिक्शा चलाते थे, अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत इस शहर के मेयर बनें

राहुल जाधव ने साल 2006 में राजनीति में एंट्री ली, उन्होने राज ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से शुरुआत की।

New Delhi, Aug 06 : कई सालों तक अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिये जो शख्स ऑटो रिक्शा चलाता था, वो अब महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ शहर का महापौर चुना गया है। ये भारतीय लोकतंत्र की ताकत को दिखाता है कि कैसे एक सामान्य परिवार में पैदा हुआ शख्स भी बड़ी कुर्सी पर बैठ सकता है, राहुल जाधव सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं, आपको बता दें कि 128 सदस्यों वाले पिंपरी चिचवाड़ नगर निकाय में बीजेपी का शासन हो गया है।

ऑटो रिक्शा से शुरुआत
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले राहुल जाधव की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसी वजह से 10वीं पास करने के बाद उन्होने आगे पढाई करने के बजाय ऑटो रिक्शा चलाना शुरु किया, ताकि घर परिवार के खर्च में कुछ मदद कर सके। राहुल जाधव ने 1996 से लेकर 2003 तक 6 सीटों वाली ऑटो रिक्शा चलाई, हालांकि इसके बाद उन्होने खेती करना शुरु कर दिया।

ऑटो रिक्शा पर बैन
पीटीआई से बात करते हुए नवनिर्वाचित महापौर ने बताया कि 2003 में 6 सीटों वाले ऑटो रिक्शा पर बैन लग गया, जिसके बाद मैंने खेती करना शुरु किया, फिर कुछ समय बाद गाड़ी चलाने लगा, लेकिन इस बार अपनी गाड़ी नहीं बल्कि एक प्राइवेट कंपनी में बतौर ड्राइवर नौकरी करने लगा। किसी तरह से जिंदगी आगे बढती रही, फिर राजनीति में एंट्री ली।

मनसे से शुरुआत
राहुल जाधव ने साल 2006 में राजनीति में एंट्री ली, उन्होने राज ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से शुरुआत की, साल 2012 में मनसे ने उन्हें निकाय चुनाव में टिकट दे दिया, इलाके में अच्छी जान-पहचान और छवि होने की वजह से वो चुनाव जीत भी गये, जिससे वो पहली बार नगर सेवक बने। नगर सेवक बनने के बाद उन्होने इलाके के लोगों की भरपूर मदद की।

बीजेपी से जुड़े
साल 2017 में वो मनसे छोड़ बीजेपी में शामिल हो गये। बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया, वो दूसरी बार पार्षद बनें। इसके साथ ही वो महापौर के लिये भी चुनाव लड़े, नगरसेवकों ने उन्हें महापौर के तौर पर चुना, उन्होने एनसीपी के प्रत्याशी को हराया। महापौर चुने जाने के बाद उन्होने कहा कि ऑटो चलाने के दौरान उन्होने आम लोगों को रोजी-रोटी के लिये संघर्ष करते देखा है, इसलिये मेयर बनने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता होगी, कि आम लोगों की जिंदगी में तब्दीली लाने की कोशिश की जाए, साथ ही पिंपरी चिंड़वाड़ जैसे औद्योगिक क्षेत्र में अधूरे पड़े विकास कार्यो को पूरा किया जाए।