पीएम मोदी बनें ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’, यूएन पीएम के साथ भारत के इस हवाई अड्डे को भी करेगी सम्मानित

पीएम मोदी को मिले इस सम्मान पर बीजेपी गदगद है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि ये हर भारतीय के लिये गर्व की बात है।

New Delhi, Sep 27 : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांसिसि राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का सबसे बड़ा पर्यावरण सम्मान दिया गया है। यूएन ने दोनों नेताओं को चैपियंस ऑफ द अर्थ के अवॉर्ड से सम्मानित किया है, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के नेतृत्व और भारत को एकल इस्तेमाल वनाले प्लास्टिक से मुक्त कराने के संकल्प को लेकर पीएम मोदी को ये सम्मान दिया गया है।

पांच अन्य लोगों को सम्मानित किया गया
इन दोनों दिग्गज नेताओं के अलावा 5 अन्य व्यक्तियों और संगठनों को भी इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार इस साल के पुरस्कार विजेताओं को आज के दौर के कुछ बेहद जरुरी पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिये साहसी और इनोवेटिव कोशिश करने के लिये सम्मानित किया जा रहा है।

पीएम मोदी और मैक्रों को चुना गया
नीतिगत नेतृत्व की श्रेणी में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और नरेन्द्र मोदी को संयुक्त रुप से इस सम्मान के लिये चुना गया है। पीएम मोदी को मिले इस सम्मान पर बीजेपी गदगद है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि ये हर भारतीय के लिये गर्व की बात है। कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र संघ चैंपियन ऑफ द अर्थ अवॉर्ड से नवाजा है।

2005 में शुरु किया गया था पुरस्कार
पर्यावरण के सबसे बड़े सम्मान के रुप में इस पुरस्कार को साल 2005 में लांच किया गया था, ये पुरस्कार पर्यावरण के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों वाले व्यक्तित और संगठन को दिया जाता है। ग्लोबल पर्यावरण की दृष्टि से लोगों को प्रेरित करने या फिर जो लोग राजनीतिक नेतृत्व के तहत काम करते हैं, या जमीनी कार्रवाई करते हैं, या फिर वैज्ञानिक नवाचार के माध्यम से काम करते हैं, वो इस सम्मान को पाने के हकदार होते हैं।

कोच्चि हवाई अड्डे को भी सम्मान
भारत के लिये ये बहुत बड़े सम्मान की बात है, कि पीएम के अलावा कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी इस सम्मान से नवाजा गया है। इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में आगे बढने के लिये पुरस्कार से नवाजा गया है। आपको बता दें कि ये हवाई अड्डा दुनिया को बताने का काम कर रहा है, कि हमारे वैश्विक आंदोलन के सतत विस्तार नेटवर्क से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिये।