आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ, पीएम मोदी ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री

सुबह 9 बजे पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से झंडारोहण किया, आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के खास मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा भी मौजूद थे।

New Delhi, Oct 21 : पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज इतिहास रच दिया, पीएम ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली आजाद हिंद सरकार की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले के प्राचीर से झंडात्तोलन किया, अब तक देश के प्रधानमंत्री सिर्फ 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडारोहण करते हैं, लेकिन 21 अक्टूबर को भी लाल किले पर झंडारोहण करने के साथ मोदी ऐसा करने वाले पहले पीएम बन गये हैं।

कांग्रेस ने किया अनदेखा
आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान पीएम मोदी ने उन शख्सियतों के योगदान का जश्न मनाने के लिये अपनी सरकार द्वारा किये जा रहे कामों पर विस्तार से चर्चा की थी, जिन्हें उनके कांग्रेस ने अपने कई दशकों के कार्यकाल के दौरान अनदेखा किया था।

पीएम ने किया ध्वजारोहण
इस कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला के आसपास सुरक्षा के जबरदस्त बंदोबस्त किये गये हैं, सुबह 9 बजे पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से झंडारोहण किया, आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के खास मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा भी मौजूद थे। इसके साथ ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन
तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया, ये झंडारोहन कार्यक्रम से पहले 8 बजे किया गया, इससे पहले बुधवार को पीएम मोदी ने कहा था कि वो सुभाष चंद्र बोस के अगुवाई वाली आजाद हिंद सरकार की 75वीं जयंती के मौके पर लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल होंगे, उन्होने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान ये ऐलान किया था।

आजाद हिंद सरकार
आपको बता दें कि सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद सरकार का गठन 21 अक्टूबर 1943 को किया था, आजाद हिंद सरकार ने देश से बाहर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी थी, आजादी की लड़ाई में एक तरह से इस संगठन ने बड़ी भूमिका निभाई थी। इसकी अगुवाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे। जर्मनी से यू बॉट से दक्षिण एशिया आए, फिर वहां से जापान गये, जापान से वो सिंगापुर गये, जहां आजाद हिंद सरकार की अस्थायी नींव रखी गयी।