Video: जब खुद कुर्सी हटाकर सफाईकर्मियों के बीच बैठ गए प्रधानमंत्री मोदी, होने लगी तारीफ

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण के मौके पर पीएम मोदी ने नव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम प्रांगण में कर्म-साधकों का सम्मान किया । प्रधानमंत्री मोदी ने कामगारों संग साथ बैठकर तस्‍वीर खिंचवाई और पुष्‍प वर्षा की ।

New Delhi, Dec 13: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के नए परिसर का लोकार्पण किया। इससे पहले यहां नया अद्भुत नजारा देखने को मिला। पीएम मोदी अचानक कॉरिडोर बनाने वाले श्रमिकों से मिलने पहुंच गए। इनकी संख्या 50 से भी ज्यादा थी। ये सभी नए परिसर की सीढ़ियों पर बैठे थे। प्रधानमंत्री मोदी वहां पहुंचे और करीब 10 मिनट तक उन पर फूल बरसाते रहे। पीएम उनके साथ सीढ़ी पर ही बैठ गए, उन्‍होंने वहां रखी कुर्सी को खुद अपने हाथों से हटाया । पीएम को ऐसे देखकर वहां मौजूद कामगर बहुत खुश हो गए ।

लंबे समय तक श्रमिकों के साथ बैठे रहे पीएम
प्रधानमंत्री मोदी काफी देर तक श्रमिकों से बातचीत करते रहे । उन्‍होंने मजदूरों से विश्वनाथ धाम के निर्माण से जुड़े अनुभव पूछे। इसके बाद पीएम ने खुद से बाबा का जयकारा लगाते हुए सभी के साथ फोटो खिंचवाई । पीएम को अपने बीच पाकर मजदूर काफी खुश दिखे, वो हैरान थे कि देश के प्रधानमंत्री उनके बीच सीढ़ी पर बैठकर तस्‍वीर खिंचवा रहे हैं । मोदी ने सभी से बातचीत भी की। उनसे हाल-पूछा और निर्माण कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।

पुष्प वर्षा
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ना सिर्फ तस्‍वीरें खिंचवाई बल्कि उन्‍होंने श्रमिकों पर काफी देर तक पुष्‍प वर्षा की । आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरोद्धार के लिए 8 मार्च 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था, तब से शुरू हुआ बाबा के धाम का काम रुका नहीं । श्रमिक विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य में लगे थे। हर मौसम में कॉरिडोर का निर्माण कार्य चलता रहा। सिर्फ इतना ही नहीं, कोरोना के दौरान भी कॉरिडोर का निर्माण बंद नहीं हुआ।

800 करोड़ रुपए की लागत से हुआ जीर्णोद्धार
काशी विश्वनाथ धाम को 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। यहां श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ख्‍याल रखते हुए विशेष निर्माण कार्य किया गया है । प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को ना छेड़ते हुए 5 लाख 27 हजार वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्र को विकसित किया गया है। अपको बता दें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल पहले 3,000 वर्ग फीट था। लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर के आसपास की 300 से ज्यादा इमारतों को खरीदा गया। इसके बाद 5 लाख वर्ग फीट से ज्यादा जमीन पर लगभग 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से निर्माण किया गया।